कोरोना वायरस: एयर इंडिया की पायलट यूनियंस ने उड्डयन मंत्रालय से वित्तीय सहायता की मांग की

by Renu Garia 4 years ago Views 1534

Air India pilot unions wrote letter to aviation mi
कोरोना वायरस से हवाई आवाजाही पर बढ़ती पाबंदी से एयरलाइन्स कंपनियों का दिवाला निकल रहा है। एयर इंडिया की दो पायलट यूनियन ने अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिख कर वित्तीय सहायता मांगी है ताकि उन्हें मिलने वाले वेतन में कटौती ना हो।


कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे तमाम देशों ने अपने-अपने देशों में यात्रा पर पाबंदी लगा दी है जिसकी सीधी मार एविएशन सेक्टर पर पड़ रही है। बीमारी से पैदा हुए ख़ौफ और सरकारी आदेशों के चलते तमाम एयरलाइन्स कंपनियों को पहले सिर्फ अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ी थी लेकिन अब घरेलू उड़ानों पर भी इसका असर पड़ने लगा है। आंकड़े बताते हैं कि मार्च के पहले हफ्ते में घरेलू उड़ानों की बुकिंग्स में 15 फ़ीसदी तक की कमी आ गई है और ख़ासतौर पर दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बंगलुरू जैसे शहरों के बीच आवाजाही घटी है।


ऐसे में एयर इंडिया के पायलटों ने क़र्ज़ में चल रहे राष्ट्रीय वाहक के लिए सरकार से तत्काल वित्तीय सहायता मांगी है। दो पायलट यूनियन, इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन और इंडियन पायलट्स गिल्ड ने इस मामले में सिविल एविएशन मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने जनवरी से वेतन में चल रही कटौती की बात कही है। 

यूनियन ने चिट्ठी में लिखा, "जैसा कि आप पूरी तरह से जानते हैं, कोरोनो वायरस का प्रकोप दुनिया भर में कहर बरपा रहा है। इस ख़तरनाक समय के दौरान, एयर इंडिया के कर्मचारी हमारे देशवासियों को दुनियाभर के प्रभावित देशों से वापस लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। एयर इंडिया काफी समय से क़र्ज के जाल में है और यह राष्ट्रीय वाहक को ख़ासतौर पर मुश्किल में डालेगा। अब भी जैसा कि हम आपको लिखते हैं, हमारे वेतन में देरी एक साल से अधिक समय से आम है। तिथि के अनुसार, जनवरी में भी कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया गया था"

वीडियो देखिए

बता दें, कर्ज़ में डूबी सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के मामले में हिस्सेदारी 50 से 64 फ़ीसदी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में एयर इंडिया से नौ लाख, इंडिगो से सात लाख 60 हज़ार, एयर इंडिया एक्सप्रेस से 6 लाख 50 हज़ार, स्पाइस जेट से 3 लाख 17 हज़ार, गो एयर से 75 हज़ार और जेट एयरवेज़ से 25 हज़ार यात्रियों ने देशभर में यात्रा की। मगर कोरोना वायरस से यात्रियों की संख्या बहोत प्रभावित हुई है और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन्स से एक मिलियन, एतिहाद एक्सप्रेस से सात लाख, क़तर एयरवेज से पांच लाख, ओमान एयर में पांच लाख, एयर अरबिया में चार लाख, सिंगापुर एयरलाइन्स में चार लाख, सउदिया में चार लाख लोग 2019 में भारत आना जाना कर रहे थे और अब ट्रैवल लॉकडाउन के चलते इन सभी एयरलाइन्स को यात्रा रद्द होने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

समय दर समय एविएशन और ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े एनालिसिस देने वाला स्रोत सेंटर फॉर एविएशन के मुताबिक़ मई 2020 के अंत तक दुनिया की अधिकांश एयरलाइंस दिवालिया हो जाएंगी।

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