अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच आठ कोर सेक्टर में 5 फीसदी से भी ज़्यादा की गिरावट
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच आठ कोर सेक्टर में 5 फीसदी से भी ज़्यादा की गिरावट
उद्योग जगत के 8 कोर सेक्टर में अगस्त के मुक़ाबले सितंबर महीने का उत्पादन 5.2 फ़ीसदी कम हुआ है. सबसे ज़्यादा गिरावट कोल इंडस्ट्री में दर्ज की गई है जहां पिछले महीने के मुक़ाबले उत्पादन 20.5 फ़ीसदी कम हो गया है. इसके अलावा प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 4.9 फ़ीसदी, रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 6.7 फ़ीसदी और स्टील के उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. सिर्फ उर्वरक के क्षेत्र में उत्पादन अगस्त के मुक़ाबले सितंबर में 5.4 फ़ीसदी बढ़ा है.
पिछले महीने अगस्त में कोर सेक्टर में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज हुआ था तब औद्योगिक विकास 4.3 फ़ीसदी से घटकर -1.10 प्रतिशत पर आ गया था. औद्योगिक विकास में इतनी बड़ी गिरावट फ़रवरी 2013 के बाद दर्ज हुई थी.
वीडियो देखें: औद्योगिक विकास दर में लगातार हो रही गिरावट संकट में फंसी अर्थव्यवस्था के दावों पर मुहर लगाती है. केंद्र सरकार इसके लिए बेशक़ अंतरराष्ट्रीय हालात को ज़िम्मेदार ठहराए लेकिन इसकी जड़ में नोटबंदी और हड़बड़ी में जीएसटी को लागू करने जैसे फ़ैसले हैं. मौजूदा सरकार में आम आदमी पर टैक्स की मार भी तेज़ हुई है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर मंडराते मंदी के बादल नहीं छट रहे हैं.
वीडियो देखें: औद्योगिक विकास दर में लगातार हो रही गिरावट संकट में फंसी अर्थव्यवस्था के दावों पर मुहर लगाती है. केंद्र सरकार इसके लिए बेशक़ अंतरराष्ट्रीय हालात को ज़िम्मेदार ठहराए लेकिन इसकी जड़ में नोटबंदी और हड़बड़ी में जीएसटी को लागू करने जैसे फ़ैसले हैं. मौजूदा सरकार में आम आदमी पर टैक्स की मार भी तेज़ हुई है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर मंडराते मंदी के बादल नहीं छट रहे हैं.
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