अर्थव्यवस्था गंभीर हालत में, पीएम मोदी ने खुद कहा था अच्छी हालत में थी अर्थव्यवस्था तभी नोटबंदी किया
भारतीय अर्थव्यवस्था के संकट में फंसने के आंकड़े आए दिन आ रहे हैं लेकिन मोदी सरकार अपनी जान छुड़ाने के लिए इसका ठीकरा मनमोहन सिंह सरकार पर फोड़ देती है. मगर नोटबंदी जैसा आत्मघाती फ़ैसला लागू करने के बाद पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि ऐसे फ़ैसले तभी किए जाते हैं जब अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में होती है. अब कांग्रेस ये सवाल कर रही है की अगर नोटबंदी के समय अर्थव्यवस्था मज़बूत थी तो अब मंदी के लिए UPA सरकार ज़िम्मेदार कैसे है?
ये बात नरेन्द्र मोदी ने तब कही थी जब नोटबंदी के तुरंत बाद उनके फ़ैसले की आलोचना हो रही थी। 16 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू करने के बाद पीएम मोदी ने भी संसद में माना था कि नोटबंदी जैसे सख़्त फैसले इसीलिए लिए गए क्योंकि अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में है.
लेकिन आज जब बैंकिंग सिस्टम को लेकर देशभर में हाहाकार मचा है तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पूरी भाजपा सरकार इसका ठीकरा UPA पर फोड़ रहे हैं निर्मला seetaraman अमरीका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ये कह आईं कि सरकारी बैंक पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के दौर में सबसे ज़्यादा ख़राब थे. तब क़रीबी नेताओं के फोन करने पर बैंकों से लोन मिलते थे. अगले ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के आरोप पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आप हमेशा हर ग़लती के लिए यूपीए को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते. सरकार होने के नाते आप ये कहकर नहीं बच सकते कि यह यूपीए सरकार की देन है. वीडियो देखिये अभी केंद्र सरकार और उसके मंत्री हर गड़बड़ी के लिए यूपीए को बेशक ठहराएं लेकिन तब जीडीपी की विकास दर आठ फ़ीसदी की रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी. हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा झटका नोटबंदी से ही लगा. इसकी मार इतनी ज़ोर से पड़ी कि अर्थव्यवस्था अभी तक इससे उबर नहीं पाई है. इस फ़ैसले से भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंकवाद पर लगाम लगाने का जो सपना देखा गया था, वो भी पूरा नहीं हो पाया.
लेकिन आज जब बैंकिंग सिस्टम को लेकर देशभर में हाहाकार मचा है तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पूरी भाजपा सरकार इसका ठीकरा UPA पर फोड़ रहे हैं निर्मला seetaraman अमरीका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ये कह आईं कि सरकारी बैंक पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के दौर में सबसे ज़्यादा ख़राब थे. तब क़रीबी नेताओं के फोन करने पर बैंकों से लोन मिलते थे. अगले ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के आरोप पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आप हमेशा हर ग़लती के लिए यूपीए को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते. सरकार होने के नाते आप ये कहकर नहीं बच सकते कि यह यूपीए सरकार की देन है. वीडियो देखिये अभी केंद्र सरकार और उसके मंत्री हर गड़बड़ी के लिए यूपीए को बेशक ठहराएं लेकिन तब जीडीपी की विकास दर आठ फ़ीसदी की रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी. हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा झटका नोटबंदी से ही लगा. इसकी मार इतनी ज़ोर से पड़ी कि अर्थव्यवस्था अभी तक इससे उबर नहीं पाई है. इस फ़ैसले से भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंकवाद पर लगाम लगाने का जो सपना देखा गया था, वो भी पूरा नहीं हो पाया.
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