फेसबुक ने थामा अंबानी का हाथ, 43 हज़ार 574 करोड़ रुपए का जिओ में निवेश
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया है। फेसबुक ने जियो प्लैटफॉर्म में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। भारत में टेक्नॉलजी सेक्टर में यह एफडीआई (FDI) के तहत अबतक का सबसे बड़ा निवेश मन जा रहा है।
इससे पहले फेसबुक ने व्हाट्सअप्प और इंस्टाग्राम को ओवरटेक किया था और फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है। जियो और फेसबुक डील पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा की ये पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की कोशिश है। लॉन्ग-टर्म पार्टनर के रूप में फेसबुक का स्वागत है। जियो और फेसबुक के साथ से डिजिटल इंडिया का मिशन पूरा होगा।
फेसबुक के इस निवेश के बाद जियो प्लैटफॉर्म्स की कैपिटल वैल्यू यानी कीमत 4.62 लाख करोड़ हो गई है। साथ ही इस निवेश के बाद जियो प्लेटफार्म में छोटे हिस्सेदारों की श्रेणी में फेसबुक की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी यानी 9.9 फीसदी हिस्सेदारी। Also Read:- कोरोनावायरस बनाम ग़रीबी, क्या है ज्यादा ख़तरनाक ? इसके साथ साथ कंपनी के रिकार्ड्स से पता चला है की यह सौदा रिलायंस इंडिया लिमिटेड के कर्ज के बोझ को भी कम करने में मदद करेगा, जो की जिओ और अन्य व्यवसायों के विस्तार में लगाया गया है। इस डील से देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी को मार्च 2021 तक अपने कर्ज को जीरो करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। ये भी बताया जा रहा है की इस निवेश से भारत में व्यापार बढ़ेगा, जिसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग के कारोबारियों के मिलेगा क्युकी जिओमार्ट नाम से व्हाट्सप्प के ज़रिये डिजिटल बिक्री से जिओ छोटे छोटे विक्रेताओं को भी जोड़ेगा। कुल मिलकर देश की किसी कंपनी में इतना बड़ा निवेश आना काफी हद तक एक अच्छी ख़बर है क्युकी इससे देश को सीधा फायदा है लेकिन देखना अब ये है की असल में इससे कितना फायदा पहुँचता है और कितने समय में पहुँचता है।
इससे पहले फेसबुक ने व्हाट्सअप्प और इंस्टाग्राम को ओवरटेक किया था और फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है। जियो और फेसबुक डील पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा की ये पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की कोशिश है। लॉन्ग-टर्म पार्टनर के रूप में फेसबुक का स्वागत है। जियो और फेसबुक के साथ से डिजिटल इंडिया का मिशन पूरा होगा।
फेसबुक के इस निवेश के बाद जियो प्लैटफॉर्म्स की कैपिटल वैल्यू यानी कीमत 4.62 लाख करोड़ हो गई है। साथ ही इस निवेश के बाद जियो प्लेटफार्म में छोटे हिस्सेदारों की श्रेणी में फेसबुक की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी यानी 9.9 फीसदी हिस्सेदारी। Also Read:- कोरोनावायरस बनाम ग़रीबी, क्या है ज्यादा ख़तरनाक ? इसके साथ साथ कंपनी के रिकार्ड्स से पता चला है की यह सौदा रिलायंस इंडिया लिमिटेड के कर्ज के बोझ को भी कम करने में मदद करेगा, जो की जिओ और अन्य व्यवसायों के विस्तार में लगाया गया है। इस डील से देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी को मार्च 2021 तक अपने कर्ज को जीरो करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। ये भी बताया जा रहा है की इस निवेश से भारत में व्यापार बढ़ेगा, जिसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग के कारोबारियों के मिलेगा क्युकी जिओमार्ट नाम से व्हाट्सप्प के ज़रिये डिजिटल बिक्री से जिओ छोटे छोटे विक्रेताओं को भी जोड़ेगा। कुल मिलकर देश की किसी कंपनी में इतना बड़ा निवेश आना काफी हद तक एक अच्छी ख़बर है क्युकी इससे देश को सीधा फायदा है लेकिन देखना अब ये है की असल में इससे कितना फायदा पहुँचता है और कितने समय में पहुँचता है।
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