सौर ऊर्जा के लक्ष्य में 42 फ़ीसदी तक पिछड़ने की आशंका: क्रिसिल

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 1672

Fear of solar energy targets to fall by 42%: CRISI
सरकार के अजेंडे में सौर ऊर्जा एक बड़ा क़दम था लेकिन नियमन में उलटफेर की चुनौतियों, नीतियों में बार-बार तब्दीली और टैरिफ में भारी गिरावट की वजह से रिनूएबल एनर्जी के लक्ष्य तक पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में आगाह किया है कि रिनूएबल एनर्जी का लक्ष्य 42 फ़ीसदी तक कम रह सकता है.

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिनूएबल एनर्जी की क्षमता 2019 में 64,400 मेगावॉट है जिसमें 2022 तक 40,000 मेगावॉट की बढ़ोतरी हो सकती है. यानी 2022 तक रिनूएबल एनर्जी की कुल क्षमता 1,00,400 मेगावॉट हो सकती है जबकि केंद्र सरकार ने 2022 तक रिनूएबल एनर्जी का लक्ष्य 1,75,000 मेगावॉट तय कर रखा है.


क्रिसिल ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष से सौर उर्जा परियोजनाओं में कंपनियों की दिलचस्पी लगातार घट रही है जिसके लिए केंद्र सरकार की ढुलमुल नीतियां और टैरिफ में भारी गिरावट ज़िम्मेदार है. रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र और राज्यों की ओर से नीलाम की गई 64,000 मेगावाट की परियोजनाओं में से 26 फ़ीसदी से अधिक परियोजनाओं को या तो बोली नहीं मिली या फिर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है जबकि 31 प्रतिशत परियोजनाओं के आवंटन में देरी हो रही है. साथ ही, जिस सौर ऊर्जा को पहले स रकार बड़े दाम पर ख़रीद रही थी, वो अब सपना मात्र रह गया है. तमाम बड़ी कंपनियों ने अपनी योजनाओं में कटौती की है.

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