एफएमसीजी सेक्टर की हालत पिछले 15 साल में सबसे ख़राब, क्रेडिट एजेंसी सुईस की रिपोर्ट
अर्थव्यवस्था की रफ़्तार में सुस्ती का असर अब सरकार के रेवेन्यु पर पड़ने लगा है. 1 अप्रेल से 15 सितम्बर तक डायरेक्ट टैक्स कलैक्शन की ग्रोथ के अनुमान से एक तिहाई से भी कम रही, जिसकी वजह से शेयर बाज़ार में गुरुवार को बिकवाली का माहौल रहा.
सेंसेक्स लाल और निफ़्टी लाल निशान में खुले और लाल निशान में ही बंद हुए. Intraday में सेंसेक्स ने 36 हज़ार और निफ़्टी ने 10,700 का स्तर तोड़ दिया लेकिन बाज़ार बंद होते होते थोड़ी रिकवरी आई और सेंसेक्स 36 हज़ार से ऊपर और निफ़्टी 10,700 से ऊपर बंद हुए. सेंसेक्स में 470 अंकों और निफ़्टी में 136 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.
वीडियो देखिये बाज़ार में बिकवाली इस कदर छाई रही कि लगभग सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए. सबसे ज़्यादा गिरावट मेटल, ऑटो, बैंक्स, ऑयल एंड गैस और FMCG के शेयरों में देखने को मिली. उधर, इक्विटी बाज़ार से विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशकों यानी एफपीआई की निकासी जारी रही. एफपीआई ने गुरुवार को इक्विटी बाजार से 932 करोड़ रुपएे निकल लिये.
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