कश्मीर में व्यापार को एक अरब का घाटा, जम्मू एंड कश्मीर बैंक के शेयर गिरे
जम्मू कश्मीर में पाबंदियों की वजह से राज्य के व्यापार को भारी झटका लगा है. राज्य का सबसे बड़ा बैंक- 'जम्मू एंड कश्मीर बैंक' अपनी दूसरी तिमाही की रिपोर्ट नहीं बना पाया है और उसके स्टॉक का दाम छह महीने में 40 फीसदी गिर गया है. राज्य के चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स का कहना है कि राज्य को एक अरब डॉलर यानी सात हज़ार करोड़ रूपये से ज़्यादा का नुक्सान हुआ है.
जम्मू कश्मीर में 100 दिन से ज़्यादा से इंटरनेट सेवा बंद है और अर्थव्यवस्था पर इसके असर दिखाई दे रहें हैं. संचार बंद होने की वजह से व्यापारियों का कामकाज खराब हो रहा है. ATM बंद हो रहे हैं और बाहर से आर्डर नहीं पहुँच रहे हैं. राज्य से निर्यात को भारी ठेस पहुँची है. जम्मू कश्मीर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अनुमान के अनुसार एक अरब रुपये का नुक्सान हो चूका है.
जम्मू एंड कश्मीर बैंक ने रिज़र्व बैंक को चिठ्ठी लिख कर दूसरी तिमाही के नतीजे देर से जारी करने की अनुमति माँगी है. जम्मू और कश्मीर बैंक राज्य में 65 फीसदी खाताधारकों और 70 फीसदी क़र्ज़ लेने वालों से कटा हुआ है जिनकी कुल तादाद एक करोड़ 20 लाख है. बैंक की बोर्ड मीटिंग और AGM मुल्तवी कर दी गई थी। 5 अगस्त को राज्य के पुनर्गठन से अब तक बैंक के शेयर का दाम 20 फीसदी गिर चूका है. पिछले छह महीने में इसका शेयर चालीस फीसदी से भी ज़्यादा गिर चूका है. दूसरे सरकारी बैंक के स्टॉक भी नीचे गिरे हैं लेकिन जम्मू एंड कश्मीर बैंक अगस्त के बाद से ऊपर नहीं उठा है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि राज्य में स्थिति सामान्य है और व्यपारिक गतिविधि ठीक-ठाक चल रही है. राज्य में धारा 370 हटाने का असर बैंक के कामकाज पर भी पड़ेगा. जम्मू कश्मीर सरकार का बैंक में 59 फीसदी हिस्सा था लेकिन अब इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद बैंक का नियंत्रण सीधा केंद्र के हाथ में आ गया है. पिछले दस साल से बैंक फायदे में चल रहा था लेकिन नोटेबंदी के बाद बैंक को डेढ़ हज़ार करोड़ का नुक्सान हुआ जिससे बैंक अभी तक नहीं उबर पाया है. वीडियो देखिये
जम्मू एंड कश्मीर बैंक ने रिज़र्व बैंक को चिठ्ठी लिख कर दूसरी तिमाही के नतीजे देर से जारी करने की अनुमति माँगी है. जम्मू और कश्मीर बैंक राज्य में 65 फीसदी खाताधारकों और 70 फीसदी क़र्ज़ लेने वालों से कटा हुआ है जिनकी कुल तादाद एक करोड़ 20 लाख है. बैंक की बोर्ड मीटिंग और AGM मुल्तवी कर दी गई थी। 5 अगस्त को राज्य के पुनर्गठन से अब तक बैंक के शेयर का दाम 20 फीसदी गिर चूका है. पिछले छह महीने में इसका शेयर चालीस फीसदी से भी ज़्यादा गिर चूका है. दूसरे सरकारी बैंक के स्टॉक भी नीचे गिरे हैं लेकिन जम्मू एंड कश्मीर बैंक अगस्त के बाद से ऊपर नहीं उठा है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि राज्य में स्थिति सामान्य है और व्यपारिक गतिविधि ठीक-ठाक चल रही है. राज्य में धारा 370 हटाने का असर बैंक के कामकाज पर भी पड़ेगा. जम्मू कश्मीर सरकार का बैंक में 59 फीसदी हिस्सा था लेकिन अब इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद बैंक का नियंत्रण सीधा केंद्र के हाथ में आ गया है. पिछले दस साल से बैंक फायदे में चल रहा था लेकिन नोटेबंदी के बाद बैंक को डेढ़ हज़ार करोड़ का नुक्सान हुआ जिससे बैंक अभी तक नहीं उबर पाया है. वीडियो देखिये
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