PM मोदी दूसरी बार सऊदी अरब पहुंचे लेकिन व्यापार में फायदा नहीं हुआ
सऊदी अरब के लिए पांच साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह दूसरी यात्रा है लेकिन इन यात्राओं का भारत-सऊदी अरब के व्यापार पर कोई लाभकारी असर नहीं पड़ा है. 2015 से तीन साल लगातार व्यापार कम होता रहा और पिछले साल इसमें वृद्धि हुई लेकिन अभी भी यह 2014 के स्तर पर नहीं पहुंच पाया है. साल 2014 में भारत का सऊदी अरब को निर्यात 13 अरब डॉलर के क़रीब था जो अब छह अरब डॉलर से भी कम है.
भारत सऊदी अरब को खाद्यान, केमिकल्स आदि बेचता था. आयात के मामले में भी सऊदी से भारत का आयात 32 अरब डॉलर था जो 2017 में घटकर आधे से भी कम हो गया था. अभी भी आयात 2014 के स्तर को नहीं छू पाया है. तेल से जुड़े माल का आयात सऊदी से होने वाले आयात का 86 फ़ीसदी था लेकिन भारत ने अमेरिका से ज़्यादा तेल ख़रीदना शुरू कर दिया जिसका असर व्यापार पर पड़ा.
अभी भी दोनों देशों के बीच 23 अरब डॉलर के अंतर से व्यापार चल रहा है जो भारत के पक्ष में नहीं है. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर व्यापारिक संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन रिकॉर्ड बताता है कि इनका ज़्यादा सकरात्मक असर देश पर नहीं पड़ा है.
अभी भी दोनों देशों के बीच 23 अरब डॉलर के अंतर से व्यापार चल रहा है जो भारत के पक्ष में नहीं है. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर व्यापारिक संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन रिकॉर्ड बताता है कि इनका ज़्यादा सकरात्मक असर देश पर नहीं पड़ा है.
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