भारत में पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में डेढ़ रूपये की हो सकती है बढ़ोतरी

by GoNews Desk 4 years ago Views 2448

Prices of petrol and diesel in India may increase
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव से भारत में पेट्रोल-डीज़ल के दाम फिर आसमान छू सकते हैं। कल इराक में अमेरिका की सैन्य कार्रवाई में हुई ईरानी जनरल की मौत से मची उथल पुथल के कारण अंतराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। कच्चे तेल के दामों में हुई अचानक बढ़ोतरी से डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपया भी कमजोर हुआ है।

ईरान की क़ुद्स फोर्स के चीफ जनरल क़ासिम सुलेमानी के अमेरिका के हवाई हमले में मारे जाने से मची हलचल से अंतराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। जानकारों के मुताबिक इस हलचल का सीधा असर भारत पर पड़ेगा क्योंकि दुनिया ईरान भारत का तीसरा बड़ा आयातक देश है।


अगर अंतराष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड तेल की बात करें तो कीमतें 61.06 डॉलर से बढ़कर 62.90 डॉलर प्रति बैरल हो गई है यानि 2.81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं ब्रेंट क्रूड, जिससे पूरी दुनिया में तेल की कीमतें तह होती हैं, उसकी कीमत भी 66.35 डॉलर से बढ़कर 68.18 डॉलर हो गई है। भारत में तेल कंपनियों पर हप एक डॉलर बढ़ोतरी का असर 45 पैसे प्रति लीटर का असप पड़ता है।

साल 2017-18 में भारत ने ईरान से 22.59 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था जबकि साल 2018-19 में भारत ने ईरान से 23.9 मिलियन टन तेल का आयात किया। इससे पहले अमेरिका ने ईरान पर परमाणु बम बनाने का आरोप लगाकर उसके तेल आयात पर रोक लगा दी थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी के बाद नई दिल्ली में एक लीटर पेट्रेल की क़ीमत 75.35 रूपये हो गई है। वहीं कोलकाता में 77.94 रूपये, मुंबई में 80.94 रूपये और बंगलूरू में 77.87 रूपये हो गई है। कच्चे तेल की क़ीमतों में हुई बढ़ोतरी का विपरीत असर रुपए की मजबूती पर भी पड़ा है।

गुरुवार को 71.37 रूपये पर बाज़ार बंद हुआ वहीं शुक्रवार को एक डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रूपया 71.62 रूपये पर पहुंच गया। अब तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम बढ़ने से पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमत पर डेढ़ रूपये का असर पड़ सकता है।

वीडियो देखिये

बता दें कि बग़दाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। अमरीकी रक्षा विभाग की तरफ से बयान में कहा गया है कि अमरीकी राष्ट्रपति के निर्देश पर ही विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए क़ासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है।

अमेरिकी रक्षा विभाग का दावा है कि जनरल सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक और पूरे क्षेत्र में अमेरिकी राजनयिकों पर हमला करने की योजना बना रहे थे और हाल में ही इराक़ में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले को उन्होंने मंजूरी दी थी।

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