उद्योगों में रिकॉर्ड गिरावट, छह फ़ीसदी से भी कम हो सकती है जीडीपी
बजट से लेकर अब तक वित्त मंत्रालय अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने के तमाम उपाय कर चुका है लेकिन उद्योगों में मंदी का दौर जारी है. इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में विकास सिर्फ 1:3 फ़ीसदी रहा जो छह साल में सबसे कम है. सितंबर के महीने में इसमें 4:31 फ़ीसदी की कमी आई जिसका मतलब है कि उद्योग घट रहे हैं. धातुओं को छोड़कर सभी सूचकांक नकारात्मक रहे हैं. सबसे ज़्यादा गिरावट खनन और पेट्रोलियम पदार्थ में रही है. यानी बिजली बनाने के लिए कोयले का उत्पादन कम हुआ और गाड़ियों की बिक्री कम होने से पेट्रोलियम कम बिका है.
मैन्युफैक्चरिंग में 3.9 फ़ीसदी कमी आई है और विद्युत उत्पादन में 2.6 फ़ीसदी घट गया है. यह दीर्घकालीन मंदी के लक्षण हैं.
अगर आंकड़ों को गौर से देखें तो पूंजीगत सामान में छह महीने में 10 फ़ीसदी से ज़्यादा की नकारात्मक वृद्धि देखने को मिल रही है. कंज्यूमर गुड्स में पांच फ़ीसदी नेगेटिव ग्रोथ है जो पिछले साल छह महीने में आठ फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़े थे. यानी इस बार त्योहारी मौसम में ख़रीददारी कम हुई है. वीडियो देखिये इस सबका अर्थ यह है कि सभी एजेंसियों ने अब तक इस साल के जीडीपी विकास को छह फ़ीसदी तक आंका है. इसे पाना भी मुश्किल हो सकता है.
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