कोरोना की मार से कम हुआ व्यापार जगत में भरोसा, भविष्य को लेकर चिंता बढ़ी - फिक्की

by Rahul Gautam 3 years ago Views 2706

The FICCI survey, the lowest overall business inde
40 दिन के लंबे लॉकडाउन के चलते देश में उद्योग-धंधों की कमर टूट गई है और भविष्य को लेकर संकट गहराता जा रहा है। इस चिंता को FICCI के तिमाही सर्वेक्षण ने और बढ़ा दिया है जिसके मुताबिक देश में कारोबारी माहौल घटता जा रहा है।

फिक्की के सर्वे के मुताबिक देश में ओवरऑल बिज़नेस इंडेक्स 42.9 फीसदी रह गया है जोकि 2008 में आई वैश्विक मंदी के बाद सबसे कम है। वैश्विक मंदी के दौरान ओवरऑल बिज़नेस इंडेक्स 37.8 फीसदी तक पहुंच गया था।


इससे पहले वाली तिमाही में हुए सर्वे में यही ओवलऑल बिज़नेस इंडेक्स 59 फीसदी था। इसका सीधा मतलब है कि 40 दिनों के लंबे लॉकडाउन ने हालात भयावह कर दिए हैं। कारोबारियों के बड़े तबक़े को यह डर सता रहा है कि अगले 6 महीने तक बिक्री कम रह सकती है।

तकरीबन 57 फीसदी कारोबारियों का मानना है कि अगले 2 तिमाही तक किसी भी सामान के लिए ग्राहकों का मिलना मुश्किल होगा क्यूंकि लोगों के पास खरीददारी के लिए पैसे ही नहीं होंगे। नौकरियों को लेकर भरोसा टूटता जा रहा है। सिर्फ 19 फीसदी उद्यमियों का मानना है कि अगले 6 महीने में नौकरियां पैदा होंगी।

यह सर्वे साफ बताता है कि देश में कारोबार को लेकर डर बढ़ता जा रहा है और भविष्य में भी अर्थव्यवस्था के कमज़ोर रहने के अनुमान हैं।

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हालांकि बिज़नेस कम्युनिटी ने एक एक्शन प्लान भी सुझाया है जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है। इसके मुताबिक बिना किसी ज़मानत या सिक्योरिटी के कर्ज़दारों को 25 फ़ीसदी अतिरिक्त कर्ज़ दिया जाए। इसके अलावा दिवालिया क़ानून में संशोधन किया जाए और कंपनी को दिवालिया घोषित करने की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 360 दिन किया जाए। बैंक भी क़र्ज़ बढ़ाएं ताकि बाजार में पैसा उतर सके। केंद्र सरकार भी बिज़नेस सेक्टर के लिए राहत पैकेज का ऐलान करे जिसमे छोटे उद्यमियों को टैक्स हॉलिडे, कामगारों के लिए पैसा जैसी चीज़े शामिल हों।

ज़ाहिर है कि ग्लोबल लॉकडाउन से देश और दुनिया का आर्थिक चक्का जाम हो चुका है और ये दौर किसी भी बिज़नेसमैन के लिए बुरे सपने से कम नहीं है।

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