लोग डेबिट कार्ड के बजाय क्रेडिट कार्ड पर ज़्यादा निर्भर: RBI Report
गहराते आर्थिक संकट के बीच लोगों के ख़र्च करने की क्षमता घटती जा रही है. अगस्त में आई आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक लोग अब डेबिट कार्ड की बजाय क्रेडिट कार्ड पर ज़्यादा निर्भर होते जा रहे हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक क्रेडिट कार्ड से साल 2016-17 में कुल 108.71 करोड़ ट्रांज़ैक्शन हुए और कुल 3,28,400 करोड़ का ख़र्च किया गया. साल 2017-18 में 140 करोड़ ट्रांज़ैक्शन हुआ और 4,59,000 करोड़ रुपए ख़र्च हुए. इसके बाद 2018-19 में ट्रांज़ैक्शन की संख्या 176 करोड़ रही लेकिन ख़र्च में ज़बरदस्त उछाल आया और यह बढ़कर 6 लाख 33 सौ करोड़ पहुंच गया.
दूसरी ओर डेबिट कार्ड से होने वाले ख़र्च में कोई तेज़ी देखने को नहीं मिली है. डेबिट कार्ड से 2016-17 में 239 करोड़ ट्राज़ैक्शन हुआ और ख़र्च 3,29,900 करोड़ किया गया. साल 2017-18 में 334 करोड़ ट्रांज़ैक्शन हुआ और ख़र्च 4,60,100 करोड़ हुआ. यही हाल 2018-19 में भी रहा. इस साल 441 करोड़ ट्रांज़ैक्शन से 5,93,500 करोड़ ख़र्च किया गया. आम आदमी के ख़र्च की घटती क्षमता कर्ज़ के आंकड़ों से भी पता चलती है. 2018 में कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी 7.5 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 9.3 फ़ीसदी हो गई. छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों के लिए 2018 में कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी 5.9 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 13.5 फ़ीसदी हो गई. सेवा क्षेत्र की कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी पिछले साल 50.8 फ़ीसदी थी जो इस साल घटकर 36.2 फ़ीसदी हो गई. यानी मंदी के साथ-साथ इस सेक्टर में लोन की हिस्सेदारी भी घट गई है. वीडियो देखिये वहीं पर्सनल लोन में ज़बरदस्त उछाल आया है. 2018 में कुल कर्ज़ में पर्सनल लोन की हिस्सेदारी 35.8 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 40.9 फ़ीसदी हो गई. साफ़ है कि नौकरियां घटने के बाद लोग कर्ज़ ज़्यादा लेकर और क्रेडिट कार्ड के ज़रिए जीवनयापन कर रहे हैं.
दूसरी ओर डेबिट कार्ड से होने वाले ख़र्च में कोई तेज़ी देखने को नहीं मिली है. डेबिट कार्ड से 2016-17 में 239 करोड़ ट्राज़ैक्शन हुआ और ख़र्च 3,29,900 करोड़ किया गया. साल 2017-18 में 334 करोड़ ट्रांज़ैक्शन हुआ और ख़र्च 4,60,100 करोड़ हुआ. यही हाल 2018-19 में भी रहा. इस साल 441 करोड़ ट्रांज़ैक्शन से 5,93,500 करोड़ ख़र्च किया गया. आम आदमी के ख़र्च की घटती क्षमता कर्ज़ के आंकड़ों से भी पता चलती है. 2018 में कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी 7.5 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 9.3 फ़ीसदी हो गई. छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों के लिए 2018 में कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी 5.9 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 13.5 फ़ीसदी हो गई. सेवा क्षेत्र की कुल कर्ज़ में हिस्सेदारी पिछले साल 50.8 फ़ीसदी थी जो इस साल घटकर 36.2 फ़ीसदी हो गई. यानी मंदी के साथ-साथ इस सेक्टर में लोन की हिस्सेदारी भी घट गई है. वीडियो देखिये वहीं पर्सनल लोन में ज़बरदस्त उछाल आया है. 2018 में कुल कर्ज़ में पर्सनल लोन की हिस्सेदारी 35.8 फ़ीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 40.9 फ़ीसदी हो गई. साफ़ है कि नौकरियां घटने के बाद लोग कर्ज़ ज़्यादा लेकर और क्रेडिट कार्ड के ज़रिए जीवनयापन कर रहे हैं.
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