ग़ाज़ियाबाद में स्कूल फीस माफ़ी को लेकर अभिभावक भूख हड़ताल पर बैठे

by Abhishek Kaushik 3 years ago Views 7938

Parents sit on hunger strike in Ghaziabad over wai
लॉकडाउन में गई हज़ारों नौकरियों और काम ठप हो जाने से अभिभावकों के लिए बच्चों की फीस भी भर पाना मुश्किल हो गया है. इस पर पेरेंट्स और स्कूलों के बीच ठन गई है. एक तरफ कई राज्य सरकारों ने फीस माफ़ी की बात कही वहीं दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन स्टाफ की सैलरी का हवाला देकर फीस की मांग पर अड़ा है।

इसी खींचातानी के बीच उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में परेशान पैरेंट्स तीन महीने की फीस माफी और अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए। शाम करीब चार बजे डीआइओएस ने पेरेंट्स को जूस पिलाकर उनकी हड़ताल रुकवाई और प्रशासन ने आने वाले गुरुवार तक समस्या को सुलझाने का आश्वासन भी दिया है।


गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि लॉकडाउन में पेरेंट्स के काम धंधे ठप हो गए हैं, नौकरियां छूट गई हैं। किसी का बिजनेस नहीं चल रहा है तो किसी का सैलरी नहीं मिला है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों की फीस जमा करने में असमर्थ हैं।

लंबे समय से तीन महीने की फीस माफी की मांग की जा रही हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाए गए और अधिकारी, मंत्री और नेताओं को लेटर भी दिए गए लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। बाद में मजबूर होकर पेरेंट्स ने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया।

एसोसिएशन की मांग है कि स्कूलों के रिजर्व फंड से शिक्षक और अन्य स्टाफ की सैलरी दी जाए। जिन स्कूलों ने अपनी बैलेंसशीट जमा नहीं की है उन पर कार्रवाई की जाए। पांचवी क्लास तक ऑनलाइन क्लासेज न चलाई जाएं। तीन महीने की फीस माफ़ी के साथ ऑनलाइन क्लासेज के आधार पर ही स्कूलों की फीस रखी जाए।

इसी तरह पहले भी महंगी किताबों, ड्रेस, स्टेशनरी, मनमानी स्कूल फीस, एनसीईआरटी की किताबें लागू कराने जैसी चीज़ो पर आवाज़े उठी है. लेकिन स्कूलों की मनमानी जारी रही और प्रशासन की तरफ से कोई सख़्त कदम नहीं उठाए गए. पूरे मामले के बाद गुरूवार को निजी स्कूल फेडरेशन, डीआइओएस, बेसिक शिक्षा अधिकारी, एडीएम फाइनेंस आदि अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई गई है.

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