सात महीने बाद कश्मीर घाटी में स्कूल खुले
कश्मीर घाटी में बंद हज़ारों स्कूल कई महीनों के बाद दोबारा खोल दिए गए. स्कूली यूनिफॉर्म पहने हज़ारों बच्चे बेहद ख़ुश नज़र आए और उन्होंने यही कहा कि अब उनका स्कूल दोबारा बंद न हो.
कश्मीर घाटी में 5 अगस्त से जारी शटडाउन और विंटर ब्रेक की वजह से बंद स्कूलों को तक़रीबन छह महीने बाद खोल दिया गया. महीनों बाद लड़के और लड़कियां यूनिफॉर्म पहनकर अपनी क्लासेज़ में पहुंचे. सभी स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के साथ दोस्तों से मिलने के लिए बेचैन नज़र आए. स्टूडेंट्स ने कहा कि उनकी दुआ कि स्कूल दोबारा बंद न हों.
कश्मीर घाटी के 11,633 एडुकेशनल इंस्टीट्यूशंस हैं. इनमें 810 मिडिल स्कूल, 247 हाई स्कूल और 37 हायर सेकेंड्री स्कूल हैं. साल 2019-20 के सेशन में हायर सेकेंड्री के लिए 10 लाख बच्चों ने दाख़िला लिया था. इनमें 5.29 लाख लड़के और 4.74 लड़कियां है लेकिन तक़रीबन सात महीने का वक़्त शटडाउन और ठंडक की छुट्टियों में निकल गया. स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि अब उनका सत्र ढंग से चल पाएगा. कश्मीर घाटी के हज़ारों स्कूलों पर पहली गाज 5 अगस्त 2019 को उस वक़्त गिरी थी जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किया गया था. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अक्टूबर में दोबारा स्कूल खोलने की कोशिश की थी लेकिन बच्चे स्कूलों में नहीं पहुंचे. तब माहौल इतना तनावपूर्ण था कि न सड़कों पर बसें चल रही थीं और न ही मोबाइल फोन काम कर रहे थे. तब पेरेंट्स इस डर से भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे थे कि कहीं वे हिंसा की चपेट में न आ जाएं.
कश्मीर घाटी में 5 अगस्त से जारी शटडाउन और विंटर ब्रेक की वजह से बंद स्कूलों को तक़रीबन छह महीने बाद खोल दिया गया. महीनों बाद लड़के और लड़कियां यूनिफॉर्म पहनकर अपनी क्लासेज़ में पहुंचे. सभी स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के साथ दोस्तों से मिलने के लिए बेचैन नज़र आए. स्टूडेंट्स ने कहा कि उनकी दुआ कि स्कूल दोबारा बंद न हों.
कश्मीर घाटी के 11,633 एडुकेशनल इंस्टीट्यूशंस हैं. इनमें 810 मिडिल स्कूल, 247 हाई स्कूल और 37 हायर सेकेंड्री स्कूल हैं. साल 2019-20 के सेशन में हायर सेकेंड्री के लिए 10 लाख बच्चों ने दाख़िला लिया था. इनमें 5.29 लाख लड़के और 4.74 लड़कियां है लेकिन तक़रीबन सात महीने का वक़्त शटडाउन और ठंडक की छुट्टियों में निकल गया. स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि अब उनका सत्र ढंग से चल पाएगा. कश्मीर घाटी के हज़ारों स्कूलों पर पहली गाज 5 अगस्त 2019 को उस वक़्त गिरी थी जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किया गया था. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अक्टूबर में दोबारा स्कूल खोलने की कोशिश की थी लेकिन बच्चे स्कूलों में नहीं पहुंचे. तब माहौल इतना तनावपूर्ण था कि न सड़कों पर बसें चल रही थीं और न ही मोबाइल फोन काम कर रहे थे. तब पेरेंट्स इस डर से भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे थे कि कहीं वे हिंसा की चपेट में न आ जाएं.
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