25 साल बाद मंच पर नज़र आएंगे अमोल पालेकर
25 साल बाद मंच पर नज़र आएंगे अमोल पालेकर
1971 में सत्यदेव दूबे के साथ मराठी थिएटर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अमोल पालेकर 25 साल बाद एक बार फिर स्टेज पर नज़र आएंगे। शांतता! कोर्ट चालू आहे, रजनीगंधा, गोलमाल, चितचोर और छोटी सी बात जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम करने के बाद अब वे संध्या गोखले द्वारा लिखित 'कुसूर' नाटक में एक रिटायर्ड असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर का किरदार निभाएंगे।इस नाटक का पहला शो पालेकर के 75वें जन्मदिन यानी 24 नवंबर को मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर द परफार्मिंग आर्ट्स में होगा।
इस नाटक के पहले शो की जगह अमोल पालेकर के लिए काफी खास है क्योकि यही वो जगह है जहाँ से उन्होंने 1969 में नाट्य निर्देशन की शुरुआत की थी। ‘कुसूर’ को डेनिश फिल्म "Den Skyldige' के तर्ज़ पर बनाया गया है।
इस नाटक के बारे में बात करते हुए अमोल पालेकर ने कहा की ये बाकी क्राइम ड्रामा से थोड़ा अलग होगा। उन्होंने आगे कहा कि, उनका थिएटर में काम करने का कोई विचार नहीं है। ये नाटक उनके करियर में शोस्टॉपर का काम करेगा। अमोल पालेकर काफी फिल्मों में एक्टिंग करने के साथ साथ कुछ फिल्मों के निर्देशक भी रह चुके है। अनकहे, थोडासा रूमानी हो जाये,दायरा, पहेली और बांगरवाड़ी जैसी बेहतरीन फिल्में इन्ही के निर्देशन में बनी है। एक कलाकार और निर्देशक के साथ वे एक लेखक और फिल्म निर्माता भी रह चुके है। उन्हें छोटी सी बात और गोलमाल फिल्म के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरूस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।
इस नाटक के बारे में बात करते हुए अमोल पालेकर ने कहा की ये बाकी क्राइम ड्रामा से थोड़ा अलग होगा। उन्होंने आगे कहा कि, उनका थिएटर में काम करने का कोई विचार नहीं है। ये नाटक उनके करियर में शोस्टॉपर का काम करेगा। अमोल पालेकर काफी फिल्मों में एक्टिंग करने के साथ साथ कुछ फिल्मों के निर्देशक भी रह चुके है। अनकहे, थोडासा रूमानी हो जाये,दायरा, पहेली और बांगरवाड़ी जैसी बेहतरीन फिल्में इन्ही के निर्देशन में बनी है। एक कलाकार और निर्देशक के साथ वे एक लेखक और फिल्म निर्माता भी रह चुके है। उन्हें छोटी सी बात और गोलमाल फिल्म के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरूस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।
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