दिलीप कुमार को मिला वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मान
ज़िंदगी के 97 वसंत देख चुके फिल्म एक्टर दिलीप कुमार की शोहरत और क़ामयाबी में अभी तक नए सितारे जुड़ते जा रहे हैं. अब लंदन की मशहूर संस्थान ने उनका नाम, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल करके उन्हें सम्मानित किया है.
फिल्मी दुनिया में ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर हुए दिलीप कुमार का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है. ज़िंदगी के 97 वसंत देख चुके दिलीप कुमार अपनी सेहत के चलते यह सम्मान लेने ख़ुद लंदन नहीं जा सके। उनकी बीवी सायरा बानो और परिवार के बाकी लोगों ने इसपर ख़ुशी जाहिर की और संस्था से सम्मान पत्र लिया।
50 साल लंबे करियर वाले दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. हिंदी सिनेमा में उनके इसी योगदान को देखते हुए उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. लंदन स्थित यह संस्था दुनियाभर में अलग-अलग विधाओं की दिग्गज हस्तियों का कैटलॉग तैयार करती है. इस सम्मान पर बॉलीवुड एक्टर और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने दिलीप कुमार को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ से सम्मानित होने पर महान अभिनेता दिलीप कुमार को ढेर सारी मुबारकबाद. हालांकि दिलीप साहेब को यह सम्मान काफी पहले मिल जाना चाहिए था. वीडियो देखिये दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से की थी. इसके बाद उन्होंने नया दौर, यहूदी, पैग़ाम, राम और श्याम, क्रांति, सौदागर जैसी कई कामयाब फिल्में कीं. इसके अलावा हिंदी सिनेमा के इतिहास की यादगार फिल्मों में शामिल देवदास और मुगल-ए-आजम में दिलीप कुमार के किरदार ने उन्हें बुलंदी की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित कर चुकी है.
50 साल लंबे करियर वाले दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. हिंदी सिनेमा में उनके इसी योगदान को देखते हुए उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. लंदन स्थित यह संस्था दुनियाभर में अलग-अलग विधाओं की दिग्गज हस्तियों का कैटलॉग तैयार करती है. इस सम्मान पर बॉलीवुड एक्टर और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने दिलीप कुमार को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ से सम्मानित होने पर महान अभिनेता दिलीप कुमार को ढेर सारी मुबारकबाद. हालांकि दिलीप साहेब को यह सम्मान काफी पहले मिल जाना चाहिए था. वीडियो देखिये दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से की थी. इसके बाद उन्होंने नया दौर, यहूदी, पैग़ाम, राम और श्याम, क्रांति, सौदागर जैसी कई कामयाब फिल्में कीं. इसके अलावा हिंदी सिनेमा के इतिहास की यादगार फिल्मों में शामिल देवदास और मुगल-ए-आजम में दिलीप कुमार के किरदार ने उन्हें बुलंदी की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित कर चुकी है.
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