दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ रहा है गेमिंग का कारोबार, 2022 तक हो जाएगा 196 बिलियन डॉलर
दुनियाभर में गेमिंग का बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है. हाल ही में आई Newzoo की ग्लोबल गेम्स मार्केट रिपोर्ट 2019 के मुताबिक साल 2019 में गेमिंग का कारोबार 152 बिलियन डॉलर का आंका गया है जो 2022 में बढ़कर 196 बिलियन डॉलर का हो जायेगा।
इसमें सबसे ज़्यादा 68 बिलियन डॉलर यानी 45 फ़ीसदी रेवेन्यू मोबाइल गेमिंग का रहा. 47 बिलियन डॉलर यानी 32 फ़ीसदी रेवेन्यू console गेमिंग का रहा और 35 बिलियन डॉलर यानी 23 फीसदी PC गेमिंग का रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 तक मोबाइल गेमिंग का रेवेन्यू 95 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है यानी गेमिंग इंडस्ट्री के 50 फ़ीसदी रेवेन्यू पर मोबाइल गेमिंग का कब्ज़ा होने वाला है. वहीं console गेमिंग का रेवेन्यू 61 बिलियन डॉलर और PC गेमिंग का रेवेन्यू 39 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. गेमिंग का सबसे बड़ा बाज़ार फिलहाल चीन है लेकिन अगले साल तक अमेरिका इसका सबसे बड़ा प्लेयर हो जाएगा. भारत में भी गेमिंग का कारोबार तेज़ी से फलफूल रहा है और यह पांचवें पायदान पर है. भारत की गेमिंग इंडस्ट्री साल 2018 में 4380 करोड़ रुपये की थी जो साल 2019 में 6200 करोड़ रुपये की हो गई। भारत में साल 2018 में 269 मिलियन गेमर्ज़ थे जो साल 2019 में बढ़कर 300 मिलियन हो गए और इसी के साथ भारत सबसे ज़्यादा ऑनलाइन गमेर्ज़ की लिस्ट में पांचवे नंबर पर आ गया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 तक मोबाइल गेमिंग का रेवेन्यू 95 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है यानी गेमिंग इंडस्ट्री के 50 फ़ीसदी रेवेन्यू पर मोबाइल गेमिंग का कब्ज़ा होने वाला है. वहीं console गेमिंग का रेवेन्यू 61 बिलियन डॉलर और PC गेमिंग का रेवेन्यू 39 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. गेमिंग का सबसे बड़ा बाज़ार फिलहाल चीन है लेकिन अगले साल तक अमेरिका इसका सबसे बड़ा प्लेयर हो जाएगा. भारत में भी गेमिंग का कारोबार तेज़ी से फलफूल रहा है और यह पांचवें पायदान पर है. भारत की गेमिंग इंडस्ट्री साल 2018 में 4380 करोड़ रुपये की थी जो साल 2019 में 6200 करोड़ रुपये की हो गई। भारत में साल 2018 में 269 मिलियन गेमर्ज़ थे जो साल 2019 में बढ़कर 300 मिलियन हो गए और इसी के साथ भारत सबसे ज़्यादा ऑनलाइन गमेर्ज़ की लिस्ट में पांचवे नंबर पर आ गया है।
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