GoFlashback: जिस फिल्म से बने अमिताभ बच्चन 'एंग्री यंग मैन'
हाल ही में, अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के अवार्ड के लिए चुना गया। अमिताभ बच्चन ने कई सुपरहिट फिल्में दी है, और ये सुपरहिट फिल्मों का किस्सा शुरू हुआ 1973 में आई फिल्म 'ज़ंजीर' से। इस फिल्म के साथ अमिताभ बच्चन ने इतिहास रच दिया और इसके बाद उन्हें 'The Angry Young Man' के नाम से जाना जाने लगा। हालाँकि, अमिताभ बच्चन इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थे, कुछ बड़े अभिनेताओं ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया था तब अमिताभ बच्चन को चुना गया।
अमिताभ बच्चन से पहले इस फिल्म के लिए धर्मेंद्र से पूछा गया था लेकिन व्यस्त होने के कारण उन्होंने मना कर दिया।उस समय वो फिल्म 'यादों की बारात' की शूटिंग में व्यस्त थे जो की बदले की कहानी पर आधारित थी।
GoFlashback: जब लता का ये गीत सुन भावुक हो उठे थे नेहरु दिलीप कुमार को भी ये किरदार ऑफर किया गया लेकिन उन्होंने ये कहकर मना कर दिया की इस फिल्म में किरदार का अभिनय सीमित है।फिर देव आनंद से पूछा गया, उन्होंने भी इस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया। जब उन्हें इस बारे में बताया गया कि ज़ंजीर फिल्म में लीड हीरो न तो हँसता है और न ही रोमांस करता है तो इस बात को सुनकर उन्होंने कहा कि ये किरदार उनसे बिलकुल अलग है वो इसे करना नहीं चाहते। उसके बाद अभिनेता राजेश खन्ना ने भी ये कह कर इस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया कि ये किरदार उनकी 'रोमांटिक हीरो' वाली इमेज के खिलाफ है। फिर अभिनेता राजकुमार ने भी इस फ़िल्म के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। साल 1972 में आई फिल्म 'बॉम्बे टू गोआ' में अमिताभ बच्चन के अभिनय को देखकर फिल्म के लेखक सलीम ने उनकी मुलाक़ात निर्देशक प्रकाश मेहरा से करवाई, और तब अमिताभ बच्चन को इस फिल्म में काम करने का मौका मिला। अमिताभ बच्चन को लीड रोल देने के बाद, इस फिल्म का ना तो कोई फाईनेंसर था और ना ही डिस्ट्रीब्यूटर। दरअसल इनमें से कोई भी अमिताभ बच्चन पर भरोसा करने को तैयार नहीं था। अमिताभ बच्चन के साथ इस फ़िल्म में नज़र आई जया भादुड़ी भी इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थी। उनसे पहले अभिनेत्री मुमताज़ से बात की गई थी, लेकिन उन्होंने इसपर सहमति नहीं जताई। फिल्म ने उस समय बॉक्स ऑफिस पर 17 करोड़ 46 लाख रुपये का कलेक्शन किया और इसी के साथ फ़िल्मों में अमिताभ बच्चन की सफ़लता के दरवाज़े खुल गए…
GoFlashback: जब लता का ये गीत सुन भावुक हो उठे थे नेहरु दिलीप कुमार को भी ये किरदार ऑफर किया गया लेकिन उन्होंने ये कहकर मना कर दिया की इस फिल्म में किरदार का अभिनय सीमित है।फिर देव आनंद से पूछा गया, उन्होंने भी इस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया। जब उन्हें इस बारे में बताया गया कि ज़ंजीर फिल्म में लीड हीरो न तो हँसता है और न ही रोमांस करता है तो इस बात को सुनकर उन्होंने कहा कि ये किरदार उनसे बिलकुल अलग है वो इसे करना नहीं चाहते। उसके बाद अभिनेता राजेश खन्ना ने भी ये कह कर इस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया कि ये किरदार उनकी 'रोमांटिक हीरो' वाली इमेज के खिलाफ है। फिर अभिनेता राजकुमार ने भी इस फ़िल्म के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। साल 1972 में आई फिल्म 'बॉम्बे टू गोआ' में अमिताभ बच्चन के अभिनय को देखकर फिल्म के लेखक सलीम ने उनकी मुलाक़ात निर्देशक प्रकाश मेहरा से करवाई, और तब अमिताभ बच्चन को इस फिल्म में काम करने का मौका मिला। अमिताभ बच्चन को लीड रोल देने के बाद, इस फिल्म का ना तो कोई फाईनेंसर था और ना ही डिस्ट्रीब्यूटर। दरअसल इनमें से कोई भी अमिताभ बच्चन पर भरोसा करने को तैयार नहीं था। अमिताभ बच्चन के साथ इस फ़िल्म में नज़र आई जया भादुड़ी भी इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थी। उनसे पहले अभिनेत्री मुमताज़ से बात की गई थी, लेकिन उन्होंने इसपर सहमति नहीं जताई। फिल्म ने उस समय बॉक्स ऑफिस पर 17 करोड़ 46 लाख रुपये का कलेक्शन किया और इसी के साथ फ़िल्मों में अमिताभ बच्चन की सफ़लता के दरवाज़े खुल गए…
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