शोले के 'कालिया' अब हमारे बीच नहीं रहे
फ़िल्म शोले में जब ‘गब्बर सिंह’ पूछता है. “तेरा क्या होगा कालिया” और कालिया जवाब देता है, “सरदार मेने आपका नमक खाया है” इस एक डायलॉग ने फ़िल्म शोले के कालिया यानी वीजू खोटे को रातोरात मशहूर कर दिया. डायलॉग इतना मशहूर हुआ कि लोग वीजू खोटे को आज भी कालिया के नाम से ही पहचानते हैं, लेकिन अब ये कालिया यानी वीजू खोटे हमारे बीच नहीं रहे. वो काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और 30 सितम्बर की सुबह, 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
वीजू खोटे ने 1964 में अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की और 300 से ज़्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया जिसमे चाइनागेट, मेला, नगीना, अथिति तुम कब जाओगे और गोलमाल 3 जैसे फिल्में शामिल है और 1994 में आई फिल्म 'अंदाज़ अपना अपना' में रॉबर्ट के किरदार को कौन भूल सकता है। इस फ़िल्म में उनका ये तकिया कलाम “ग़लती से मिस्टेक हो गया” बहुत मशहूर हुआ.
न सिर्फ फिल्मों में बल्कि, वीजू खोटे ने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया। टेलीविज़न पर उन्हें ज़बान संभाल के की भूमिका के लिए सबसे अधिक याद किया गया। इस सीरियल में उनकी बहन शुभा खोटे और उनकी भतीजी भावना बलसावर ने भी उनके साथ अहम किरदार अदा किया। एक्टिंग उन्हें विरास्त में मिली थी, उनके पिता नंदू खोटे अपने ज़माने के स्टेज के जाने-माने आर्टिस्ट थे
न सिर्फ फिल्मों में बल्कि, वीजू खोटे ने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया। टेलीविज़न पर उन्हें ज़बान संभाल के की भूमिका के लिए सबसे अधिक याद किया गया। इस सीरियल में उनकी बहन शुभा खोटे और उनकी भतीजी भावना बलसावर ने भी उनके साथ अहम किरदार अदा किया। एक्टिंग उन्हें विरास्त में मिली थी, उनके पिता नंदू खोटे अपने ज़माने के स्टेज के जाने-माने आर्टिस्ट थे
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