गर्म हो रहा है दुनिया का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका
दुनिया का सबसे ठंडा और बर्फ में ढंका महाद्वीप अंटार्कटिका गर्म हो रहा है. साल 2020 में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब यहां का तामपान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. अंर्जेटीना के बाद ब्रज़ीलियन रिसर्च सेंटर ने दावा किया है कि नॉर्दर्न अंटार्कटिका में तापमान 20.75 डिग्री के स्तर पर पहुंच गया है.
दुनिया का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका पूरी तरह बर्फ से ढंका हुआ है. स्नो, आइस और पेंगुइन के लिए मशहूर इस द्वीप पर इंसानी बस्ती नहीं है लेकिन तमाम देशों ने यहां अपने रिसर्च स्टेशन बना रखे जहां वैज्ञानिक शोध में जुटे हैं. साल 2020 में दो बार ऐसा मौक़ा आया है जब नॉर्दर्न अंटार्कटिका में रेकॉर्ड तापमान दर्ज किया है. 9 फरवरी को एक ब्रज़ीलियन वैज्ञानिक ने सेयमोर आइलैंड से 20.75 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड होने का दावा किया, जोकि 1982 में रिकॉर्ड हुए सबसे ज़्यादा तापमान, 19.85 से पूरा 1 डिग्री ज़्यादा है।
इसी तरह 6 फरवरी को अर्जेंटीना रिसर्च स्टेशन ने 18.3 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया था जिसे अंटार्कटिका का सर्वाधिक तापमान बताया गया था। हालांकि विश्व मौसम विज्ञान संगठन की ओर से इन आंकड़ों की पुष्टि होना अभी बाकी है. तमाम मौसम विज्ञानी इन आंकड़ों को 'अविश्वसनीय और असामान्य' मान रहे हैं. नॉर्दर्न अंटार्कटिका की कुछ कॉलोनी में चिनस्ट्रेप पेंगुइन की आबादी तेज़ी से घटी है. तमाम रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इनकी आबादी 77 फीसदी तक घट गई है. वैज्ञानिक इसे ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते असर से जोड़कर देख रहे हैं. अंटार्कटिका में बढ़ते तापमान के पीछे भी ग्लोबल वॉर्मिंग के असर को माना जा रहा है. जैसे जैसे दुनिया में गर्मी बढ़ती जा रही है, उसका असर सबसे ठन्डे इलाकों में सबसे ज़्यादा देखने को मिल रहा है. वीडियो देखिये 1 लाख 29 हज़ार से 1 लाख 16 हज़ार साल के बीच हुए अंतिम इंटरग्लेशियल के दौरान समुद्र का स्तर बढ़ गया था. यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स के वैज्ञानिकों के एक शोध दल ने दावा किया है कि वेस्टर्न अंटार्कटिका में बर्फ की चादर के पिघलने से समुद्र का स्तर तीन मीटर तक बढ़ गया था और ऐसा तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी की वजह से हुआ था. अंटार्टिका में बढ़ता तापमान भविष्य में होने वाली उथल पुथल के लिए सचेत करने वाली घटना है।
इसी तरह 6 फरवरी को अर्जेंटीना रिसर्च स्टेशन ने 18.3 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया था जिसे अंटार्कटिका का सर्वाधिक तापमान बताया गया था। हालांकि विश्व मौसम विज्ञान संगठन की ओर से इन आंकड़ों की पुष्टि होना अभी बाकी है. तमाम मौसम विज्ञानी इन आंकड़ों को 'अविश्वसनीय और असामान्य' मान रहे हैं. नॉर्दर्न अंटार्कटिका की कुछ कॉलोनी में चिनस्ट्रेप पेंगुइन की आबादी तेज़ी से घटी है. तमाम रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इनकी आबादी 77 फीसदी तक घट गई है. वैज्ञानिक इसे ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते असर से जोड़कर देख रहे हैं. अंटार्कटिका में बढ़ते तापमान के पीछे भी ग्लोबल वॉर्मिंग के असर को माना जा रहा है. जैसे जैसे दुनिया में गर्मी बढ़ती जा रही है, उसका असर सबसे ठन्डे इलाकों में सबसे ज़्यादा देखने को मिल रहा है. वीडियो देखिये 1 लाख 29 हज़ार से 1 लाख 16 हज़ार साल के बीच हुए अंतिम इंटरग्लेशियल के दौरान समुद्र का स्तर बढ़ गया था. यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स के वैज्ञानिकों के एक शोध दल ने दावा किया है कि वेस्टर्न अंटार्कटिका में बर्फ की चादर के पिघलने से समुद्र का स्तर तीन मीटर तक बढ़ गया था और ऐसा तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी की वजह से हुआ था. अंटार्टिका में बढ़ता तापमान भविष्य में होने वाली उथल पुथल के लिए सचेत करने वाली घटना है।
Latest Videos