बढ़ रहा है जल संकट, 2051 में 30% तक हो जाएगी कटौती: जलशक्ति मंत्रालय
ग्राउंड वॉटर खिसकने से पानी का संकट गहराता जा रहा है. जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक साल 2001 में एक व्यक्ति को सालाना 1816 क्यूबिक लीटर पानी उपलब्ध था जो 2051 में घटकर 1228 क्यूबिक लीटर रह जाएगा.
जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक साल दर साल यह संकट बढ़ रहा है। साल 2011 में एक व्यक्ति को प्रति वर्ष औसतन 1545 क्यूबिक लीटर मिलता था, जो साल 2021 में घटकर 1486 क्यूबिक लीटर रह जायेगा। इसी तरह 2031 में 1367 क्यूबिक लीटर, 2041 में 1282 क्यूबिक लीटर और 2051 में 1228 क्यूबिक लीटर पानी एक व्यक्ति को एक साल में मिल पाएगा. यानी रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए मिलने वाला पानी साल दर साल घटता जाएगा.
जिन शहरों में पानी की क़िल्लत सबसे ज़्यादा है, उनमें दिल्ली, मुंबई, नासिक, पुणे, ग्वॉलियर, इंदौर, मेरठ, ग़ाज़ियाबाद, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, गुवाहाटी, वड़ोदरा, जयपुर, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और अमृतसर, लुधियाना हैं. इन शहरों में ग्राउंड वॉटर 4 मीटर तक नीचे चला गया है. देश के ग्रामीण इलाक़ों में हालात बिगड़ चुके हैं. जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक बीते दस सालों में लगभग 66 फ़ीसदी कुओं में पानी का स्तर 2 मीटर तक नीचे चला गया है। नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में भी बताया गया है कि जल संकट की वजह से देश की 60 करोड़ आबादी प्रभावित है. वीडियो देखिये देश के चार बड़े महानगरों में शामिल चेन्नई में इसी साल गर्मियों में पानी ख़त्म हो गया था. तब यहां अन्य इलाक़ों से ट्रेन के ज़रिए पानी पहुंचाया गया था. ग्राउंड वॉटर खिसकने से पानी का संकट गहराता जा रहा है. जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक साल 2001 में एक व्यक्ति को सालाना 1816 क्यूबिक लीटर पानी मिलता था जो 2051 में घटकर 1228 क्यूबिक लीटर रह जाएगा.
जिन शहरों में पानी की क़िल्लत सबसे ज़्यादा है, उनमें दिल्ली, मुंबई, नासिक, पुणे, ग्वॉलियर, इंदौर, मेरठ, ग़ाज़ियाबाद, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, गुवाहाटी, वड़ोदरा, जयपुर, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और अमृतसर, लुधियाना हैं. इन शहरों में ग्राउंड वॉटर 4 मीटर तक नीचे चला गया है. देश के ग्रामीण इलाक़ों में हालात बिगड़ चुके हैं. जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक बीते दस सालों में लगभग 66 फ़ीसदी कुओं में पानी का स्तर 2 मीटर तक नीचे चला गया है। नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में भी बताया गया है कि जल संकट की वजह से देश की 60 करोड़ आबादी प्रभावित है. वीडियो देखिये देश के चार बड़े महानगरों में शामिल चेन्नई में इसी साल गर्मियों में पानी ख़त्म हो गया था. तब यहां अन्य इलाक़ों से ट्रेन के ज़रिए पानी पहुंचाया गया था. ग्राउंड वॉटर खिसकने से पानी का संकट गहराता जा रहा है. जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक साल 2001 में एक व्यक्ति को सालाना 1816 क्यूबिक लीटर पानी मिलता था जो 2051 में घटकर 1228 क्यूबिक लीटर रह जाएगा.
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