भारत में 71 फीसदी लड़के और 76 फीसदी लड़कियां Physically Unfit

by Arushi Pundir 4 years ago Views 19426

71 percent boys and 76 percent girls in India Phys
भारत में  11 से 16 साल की उम्र के 71 फीसदी लड़के और 76 फीसदी लड़कियां WHO के सुझाव के अनुसार Physically inactive पाए गए है। physically Inactive यानि वे प्रतिदिन अपनी सेहत के लिए एक घंटा भी नहीं देते है। हाल ही में जारी हुई WHO की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है।

विश्व स्वास्थय संगठन यानि WHO ने अपनी रिपोर्ट The Lancet Child & Adolescent Health journal में बताया है कि दुनियाभर में 11 से 17 साल की उम्र के 80 फीसदी से ज्यादा किशोर Physically inactive है। 85 फीसदी Physically inactive किशोरों में 11 से 17 की उम्र के 73.9 फीसदी किशोर भारत के है। WHO ने ये रिपोर्ट 146 देशों के 11 से 17 साल के 16 लाख़ किशोरों पर तैयार की है।


Physically inactive से WHO का मतलब है कि दुनियाभर में 85 फीसदी किशोर WHO के सुझाव के हिसाब से प्रतिदिन एक घंटा भी अपनी सेहत के लिए नहीं देते है। इनमें लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या काफ़ी ज्यादा है। दुनियाभर में 85 फीसदी लड़कियां और 78 फीसदी लड़के physically inactive हैं।

इस रिपोर्ट में 2016 के बाद भारत में 11 से 17 साल के किशोरों में अपनी सेहत को लेकर थोड़ी सजगता देखी गई है। लेकिन भारतीय किशोरियों में कोई सुधार नहीं देखा गया है। भारत में साल 2001 में 76.3 फीसदी किशोरियां physically inactive थी वहीं 2016 में 76.6 फीसदी किशोरियां physically inactive देखी देखी गई है।

जबकि किशोरों में थोड़ा हुआ है 2001 में 76.6 फीसदी किशोर physically inactive थे और साल 2016 71.8 फीसदी किशोर physically inactive मिले।

इस रिपोर्ट की लेखक Dr Leanne Riley का कहना है कि भारत, बांगलादेश, अफग़ानिस्तान जैसे देशों में कम उम्र से ही लड़कियों की सेहत पर ध्यान देने को ज्यादा तब्बजो नहीं दी गई है। इन देशों में लड़कों के मुकाबले लड़कियां ना के बराबर आउटडोर गेम्स खेलती है और अपना ज्यादा वक़्त घरेलु कामकाज़ में बीताती है जिसकी वज़ह से उनके मानसिक और शारिरीक विकास पर असर पड़ता है।

इस रिपोर्ट में किशोरों के Physically inactive होने के कारण मोबाइल फोन गेम्स का ज्यादा खेलना और आउटड़ोर गेम्स का कम खेलना, नियमिल पैदल ना चलना, कम उम्र के बच्चों का Cycling का इस्तेमाल ना करना, नियमित Exercise और physical education को स्कूलों में उतनी तरजीह ना दिया जाना बताया गया है।

वीडियो देखिये

WHO ने अपनी रिपोर्ट में किशोरों को फिज़ीकली फीट रहने के लिए कुछ सुझाव भी दिये है। जिनमें कहा गया है कि स्कूलों, शहरों में लोगों को जागरुक करने के लिए नियमित प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए। जिनके ज़रिए बच्चों के साथ साथ उनके माता पिता को भी सेहत पर ध्यान देने के लिए सजग किया जा सके।

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