Coronavirus: दुनिया ढूंढ रही समाधान, आयूष मंत्रालय ने बताए बचने के नुस्ख़े

by Rahul Gautam 4 years ago Views 23653

Ayush Ministry gave tips to avoid coronavirus
चीन के वुहान में कोरोना वायरस से अभी तक 130 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस जानलेवा वायरस से निबटने के लिए चीन युद्धस्तर पर काम कर रहा है. इस बीमारी का अभी तक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है लेकिन केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय इससे बचने के लिए आयूर्वेदिक होम्योपैथी और यूनानी नुस्खे बता रहा है. 

चिकित्सा विज्ञान की दुनिया में जानलेवा वायरस कोरोना से बचने के लिए तमाम शोध जारी हैं लेकिन इस बीच केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के विशेषज्ञों ने इससे बचने के लिए तमाम नुस्खे और उपाय बता डाले हैं. 


आयुष मंत्रालय के विशेषज्ञों का दावा है कि होमियोपैथी की दवाई आर्सेनिकम एल्बम30 खाकर कोरोना वायरस के इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. आयुष के विशेषज्ञों के मुताबिक आर्सेनिकम एल्बम30 की एक गोली खाली पेट तीन दिन तक लेने पर कोरोना वायरस से बच सकते हैं। इसी तरह शरबत उन्नाब, तिर्यकअरबा, तिर्यकनज़ला, ख़मीरामरवारीद जैसी 11 यूनानी दवाइयां और नुस्खे भी कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर बताए गए हैं. दावा किया गया है कि इन यूनानी उपायों से कोरोना वायरस से जुड़े लक्षणों को रोका जा सकता है.

आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक नुस्खे भी सुझाए हैं. कहा गया है कि एक लीटर पानी में तुलसी की 5 पत्तियां और 5 ग्राम त्रिकटु को पीसकर उबाल लें. जब पानी उबलकर आधा लीटर हो जाए तो बोतल में रखें और प्यास लगने पर पीते रहें. 

आयुष मंत्रालय की इन दवाइयों और नुस्खों पर सीपीएम ने हैरानी जताई है। कम्युनिस्ट पार्टी ने इन नुस्खों और उपायों को झूठ बताया है और कहा है कि इससे लोगों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है. सीपीएम ने विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक ट्वीट शेयर करते हुए बताया कि अभी तक इस वायरस ने निबटने की कोई कारगर एंटी वायरल थेरेपी इजाद नहीं हो सकी है. अभी भी इसपर शोध जारी है और आयुष मंत्रालय के बयान से भ्रम फैल सकता है।

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आयुष मंत्रालय की शुरुआत 2014 में हुई थी लेकिन इसके बताए नुस्खों पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. आयुष मंत्रालय के तहत होने वाली रिसर्च को अभी तक कोई ख़ास मान्यता नहीं मिली है। मशहूर मेडिकल जर्नल लैंसेट और ऑस्ट्रेलिया का नेशनल हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च काउंसिल आयुष मंत्रालय के शोधों को सिरे से ख़ारिज कर चुके हैं। आयुष मंत्रालय का पिछले साल का बजट 1 हज़ार 939 करोड़ रुपए था और मंत्रालय का सारा ज़ोर प्राकृतिक उपाय से इलाज पर रहा है। हर साल योगा डे का आयोजन भी यही मंत्रालय करता है लेकिन वैज्ञानिक समुदाय का एक तबका होमियोपैथी को साइंस तक नहीं मानता. 

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