कोरोनावायरस: मास्क, चश्मे और दस्तानों की जमाखोरी बढ़ी, WHO चिंतित

by Rahul Gautam 4 years ago Views 113849

Coronavirus: hoarding of face, eyeglasses and glov
दुनियाभर में कोरोना वायरस की बढ़ती चुनौती के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी लड़ाई कमज़ोर पड़ने की आशंका पर चिंता ज़ाहिर की है. WHO का कहना है कि आने वाले दिनों में हर महीने दुनिया को करीब 9 करोड़ मास्क, 7.5 करोड़ दास्ताने और 15 लाख से ज्यादा चश्मे की ज़रूरत पड़ने वाली है लेकिन इनकी मांग बढ़ने के चलते दुनियाभर में जमाखोरी बढ़ती जा रही है. 

अब तक 49 देशों में फ़ैल चुका कोरोना वायरस दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से निबटने की लड़ाई कमज़ोर पड़ रही है. दुनियाभर में हर महीने तकरीबन 9 करोड़ मास्क, 7.5 करोड़ दास्ताने और 15 लाख से ज्यादा चश्मे की ज़रूरत पड़ने वाली है. मांग को स्थिर बनाये रखने के लिए इनका उत्पादन 40 फ़ीसदी तक  बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन बढ़ती मांग के बीच जमाखोरी चरम पर पहुंच गई है. अभी तक इसके संक्रमण का इलाज नहीं ढूंढा जा सका है. अपनी सुरक्षा करके ही कोरोना वायरस की जानलेवा मार से बचा जा सकता है. 


WHO के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 90,893 मामले सामने आ चुके हैं और 3110 लोगों की मौत हो चुकी है. इस जानलेवा वायरस का केंद्र चीन का सातवां सबसे बड़ा शहर वुहान है लेकिन अब यह 48 मुल्कों में भी फैल चुका है. हालांकि चीन के बाहर अन्य देशों में कोरोना वायरस के सिर्फ 1848 मरीज़ पॉज़िटिव मिले हैं. इनमें भी 80 फ़ीसदी मामले सिर्फ तीन देश साउथ कोरिया, ईरान और इटली में सामने आए हैं. चीन के बाद कोरोना की चुनौती से यही 3 मुल्क सबसे ज़्यादा जूझ रहे हैं. 

कोरोना वायरस दुनिया को तेज़ी से अपनी चपेट में ले रहा है और हाल ही में 12 नए देशों में भी यह वायरस पहुंच चुका है. भारत में अब तक 28 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 21 मुल्कों में अब तक सिर्फ 1 मामला सामने आया है. 

WHO का दावा है कि COVID-19 वायरस सांस की बीमारी है, जोकि संक्रमित मरीज़ की नाक और मुँह से संपर्क में आने से फैलती है. WHO ने साफ़ कहा है कि फ़िलहाल COVID-19 वायरस से लड़ने के लिए कोई इलाज नहीं है। अभी तक इसकी वैक्सीन भी विकसित नहीं की जा सकी है. हालांकि अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 3.4 % मरीजों की मौत हुई है, यानि इस वायरस के संक्रमण से मरने की दर कम है. इससे लड़ने के लिए 20 वैक्सीन पर काम जारी है. 

कोरोना वायरस की बढ़ती चुनौती के बीच दुनियाभर में जमाखोरी का खेल भी शुरू हो गया है. WHO का कहना है कि इससे बचने के लिए ग्लव्स, मास्क, सैनटाइज़र, सांस लेने की मशीन, गाउन, एप्रन और चश्मे की मांग बढ़ी है लेकिन जमाखोरी और इन सामानों के गलत इस्तेमाल से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ रही है। WHO ने बताया कि सर्जिकल मास्क की कीमत 6 गुना, N95 respirators की कीमत तिगुना और गाउन की कीमत दोगुना बढ़ गयी है. WHO ने भी इन सभी ज़रूरी चीज़ो के 5 लाख सेट बनाकर 27 मुल्कों में भेजे हैं, लेकिन आपूर्ति लगातार कम पड़ती जा रही है.

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