ओपीनियन पोल्स में पिछड़े डोनाल्ड ट्रंप, डेमोक्रेट उम्मीदवार बिडेन को बढ़त
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नवंबर में होने हैं लेकिन उससे पहले हुए सर्वे और ओपीनियन पोल्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चमक फीकी पड़ती दिख रही है. स्विंग स्टेट्स कहे जाने वाले आधा दर्जन राज्यों के ओपिनियन पोल बताते है कि अगर फौरन चुनाव हो जाएं तो डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव में करारी हार झेलेंगे.
अमेरिका के मशहूर अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज का सर्वे में जो बिडेन को मिशिगन में 11 प्वाइंट, विस्कॉन्सिन में 11 प्वाइंट, पेंसिल्वेनिया में 10 प्वाइंट, उत्तरी कैरोलिना में 9 प्वाइंट, एरिज़ोना में 7 प्वाइंट और फ्लोरिडा में 6 प्वाइंट की बढ़त हासिल है.
इन राज्यों की ख़ासियत यह है कि ये पारम्परिक तौर पर किसी एक पार्टी रिपब्लिकन या डेमोक्रेट को वोट नहीं करते लेकिन इन्ही राज्यों के वोट से राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे लगभग तय हो जाते हैं. 2016 के चुनाव में ट्रम्प ने इन सभी राज्यों को जीता था लेकिन ओपिनियन पोल्स में अब जो बिडेन ने बढ़त बना रखी है. अगर बिडेन इन छह राज्यों में मिली बढ़त को नतीजों में तब्दील कर पाते हैं और 2020 की वोटिंग के बाकी नतीजे 2016 वाले ही रहते है तो बिडेन के पास होंगे 333 वोट और ट्रम्प के पास सिर्फ 205 वोट. अगर ऐसा हुआ तो साल 2012 में हुई बराक ओबामा की जीत के बाद ये सबसे बड़ी जीत हो सकती है. लेकिन अगर समीकरण ट्रंप के हक़ में नहीं गए तो आगामी राष्ट्रपति चुनाव और भी शर्मिंदगी से भरा हो सकता है. जैसे बुधवार को ओहायो में क्यूनिपियाक यूनिवर्सिटी के पोल में ट्रम्प के पक्ष में 45 फ़ीसदी और बिडेन के पक्ष में 46 फ़ीसदी लोग थे. जून की शुरुआत में फॉक्स न्यूज के एक पोल में बिडेन को 47 फ़ीसदी और ट्रम्प को 45 फ़ीसदी लोगों की पसंद बताया था. अब अगर ओहियो भी बिडेन के पास जाता है, तो उनके खाते में 351 चुनावी वोट होंगे. इस महीने की शुरुआत में डेस मोइनेस रजिस्टर पोल ने आईओडब्ल्यूए में ट्रम्प को 44 फ़ीसदी और बिडेन को 43 फ़ीसदी की पसंद बताया गया. अगर आईओडब्ल्यूए भी बिडेन के पक्ष में चला गया तो उनके वोटों की संख्या बढ़कर 357 हो सकती है. वीडियो देखिए इसी तरह टेक्सस में भी बिडेन और ट्रम्प के बीच सिर्फ एक प्वाइंट का फासला है. अगर ये राज्य भी किसी तरह बिडेन अपनी तरफ मोड़ लेते हैं तो उनके पास 395 चुनावी वोट होंगे. जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने 1988 में माइकल डुकाकिस को 426 चुनावी मतों से हराया था. फिलहाल अमेरिका के कई बड़े अखबार ट्रंप की खिसकती सियासी ज़मीन से जुड़ी खबरों से पटे पड़े है. अगर ये ट्रेंड नतीजों में बदलते है तो अमेरिका की कमान ट्रंप के हाथों से निकल जाएगी.
इन राज्यों की ख़ासियत यह है कि ये पारम्परिक तौर पर किसी एक पार्टी रिपब्लिकन या डेमोक्रेट को वोट नहीं करते लेकिन इन्ही राज्यों के वोट से राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे लगभग तय हो जाते हैं. 2016 के चुनाव में ट्रम्प ने इन सभी राज्यों को जीता था लेकिन ओपिनियन पोल्स में अब जो बिडेन ने बढ़त बना रखी है. अगर बिडेन इन छह राज्यों में मिली बढ़त को नतीजों में तब्दील कर पाते हैं और 2020 की वोटिंग के बाकी नतीजे 2016 वाले ही रहते है तो बिडेन के पास होंगे 333 वोट और ट्रम्प के पास सिर्फ 205 वोट. अगर ऐसा हुआ तो साल 2012 में हुई बराक ओबामा की जीत के बाद ये सबसे बड़ी जीत हो सकती है. लेकिन अगर समीकरण ट्रंप के हक़ में नहीं गए तो आगामी राष्ट्रपति चुनाव और भी शर्मिंदगी से भरा हो सकता है. जैसे बुधवार को ओहायो में क्यूनिपियाक यूनिवर्सिटी के पोल में ट्रम्प के पक्ष में 45 फ़ीसदी और बिडेन के पक्ष में 46 फ़ीसदी लोग थे. जून की शुरुआत में फॉक्स न्यूज के एक पोल में बिडेन को 47 फ़ीसदी और ट्रम्प को 45 फ़ीसदी लोगों की पसंद बताया था. अब अगर ओहियो भी बिडेन के पास जाता है, तो उनके खाते में 351 चुनावी वोट होंगे. इस महीने की शुरुआत में डेस मोइनेस रजिस्टर पोल ने आईओडब्ल्यूए में ट्रम्प को 44 फ़ीसदी और बिडेन को 43 फ़ीसदी की पसंद बताया गया. अगर आईओडब्ल्यूए भी बिडेन के पक्ष में चला गया तो उनके वोटों की संख्या बढ़कर 357 हो सकती है. वीडियो देखिए इसी तरह टेक्सस में भी बिडेन और ट्रम्प के बीच सिर्फ एक प्वाइंट का फासला है. अगर ये राज्य भी किसी तरह बिडेन अपनी तरफ मोड़ लेते हैं तो उनके पास 395 चुनावी वोट होंगे. जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने 1988 में माइकल डुकाकिस को 426 चुनावी मतों से हराया था. फिलहाल अमेरिका के कई बड़े अखबार ट्रंप की खिसकती सियासी ज़मीन से जुड़ी खबरों से पटे पड़े है. अगर ये ट्रेंड नतीजों में बदलते है तो अमेरिका की कमान ट्रंप के हाथों से निकल जाएगी.
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