ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो कोरोना संक्रमित हुए
कोरोनावायरस के ख़तरे को बार-बार नकारने वाले ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो इसके संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उन्होंने सोमवार को अपनी जांच कराई और रिपोर्ट पॉज़िटिव आई. बोलसोनारो ने चौथी बार कोरोना की जांच कराई थी. इससे पहले तीन जांचों में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.
ब्राज़ीली राष्ट्रपति बार-बार कोरोनावायरस को एक मामूली फ्लू क़रार देते रहे हैं. उन्होंने हमेशा लॉकडाउन का विरोध किया और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. मगर ख़तरे को समझ पाने में नाकाम बोलसोनारो के चलते ब्राज़ील बुरी तरह कोरोना की चपेट में है. अमेरिका के बाद यहां मरीज़ों की संख्या सबसे ज़्यादा है और मौतों के मामले में भी दूसरे नंबर पर है.
जायर बोलसोनारो की उम्र 65 साल है जिसकी वजह से वो हाइ रिस्क कैटगरी में आते हैं. उन्हें बुख़ार और ख़ासी की शिक़ायत है. फिलहाल वो हाड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एज़ीथ्रोमाइसिन दवा ले रहे हैं. हालांकि अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि ये दोनों दवाएं कोरोनावायरस के संक्रमण को मात देने में कारगर हैं. जायर बोलसोनारो ने अप्रैल में कहा था कि कोरोना से संक्रमित होने पर भी वो परेशान नहीं होंगे क्योंकि इसका शिकार होने पर कुछ पता ही नहीं चलेगा. यह वायरस मामूली फ्लू की तरह है. 11 मार्च को बोलसोनारो ने कहा था कि अब तक उन्होंने जितना देखा है, कोरोना के मुक़ाबले दूसरे वायरसों से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. इसी तरह 18 मार्च को उन्होंने कहा था कि ट्रॉपिकल क्लाइमेट के चलते ब्राज़ील में कोरोना महामारी ख़त्म होने की कगार पर है या फिर ख़त्म हो चुकी है. ब्राज़ील जैसे गर्म जलवायु वाले देश में यह वायरस उतनी तेज़ी से नहीं फैलता है. हालांकि जायर बोलसोनारो के सभी दावे ग़लत साबित हुए और ब्राज़ील में हालात भयावह हो गए हैं. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अब तक ब्राज़ील में 66 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 16 लाख के पार हो गया है.
Also Read:
जायर बोलसोनारो की उम्र 65 साल है जिसकी वजह से वो हाइ रिस्क कैटगरी में आते हैं. उन्हें बुख़ार और ख़ासी की शिक़ायत है. फिलहाल वो हाड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एज़ीथ्रोमाइसिन दवा ले रहे हैं. हालांकि अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि ये दोनों दवाएं कोरोनावायरस के संक्रमण को मात देने में कारगर हैं. जायर बोलसोनारो ने अप्रैल में कहा था कि कोरोना से संक्रमित होने पर भी वो परेशान नहीं होंगे क्योंकि इसका शिकार होने पर कुछ पता ही नहीं चलेगा. यह वायरस मामूली फ्लू की तरह है. 11 मार्च को बोलसोनारो ने कहा था कि अब तक उन्होंने जितना देखा है, कोरोना के मुक़ाबले दूसरे वायरसों से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. इसी तरह 18 मार्च को उन्होंने कहा था कि ट्रॉपिकल क्लाइमेट के चलते ब्राज़ील में कोरोना महामारी ख़त्म होने की कगार पर है या फिर ख़त्म हो चुकी है. ब्राज़ील जैसे गर्म जलवायु वाले देश में यह वायरस उतनी तेज़ी से नहीं फैलता है. हालांकि जायर बोलसोनारो के सभी दावे ग़लत साबित हुए और ब्राज़ील में हालात भयावह हो गए हैं. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अब तक ब्राज़ील में 66 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 16 लाख के पार हो गया है.
Latest Videos