ब्रिटेन ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की फौरन जांच की मांग की
जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर ब्रिटेन ने चुप्पी तोड़ी है। कश्मीर में ठप संचार माध्यमों और नज़रबंदी की कार्रवाई पर ब्रिटेन ने चिंता ज़ाहिर करते हुए मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के जांच की मांग की है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े सभी आरोप परेशान करने वाले हैं। हर आरोप की फौरन विस्तृत और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े सभी मामले बेहद गंभीर हैं।
डॉमिनिक राब ने ये भी कहा कि कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का हल शिमला समझौता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समझौतों के तहत होना चाहिए। मगर मानवाधिकार का मुद्दा भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय या घरेलू मुद्दा नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और सभी सहयोगियों से उम्मीद है कि वे मानवाधिकार के अंतरराष्ट्रीय पैमाने का सम्मान करने के साथ-साथ उसे लागू करें।
डॉमिनिक राब ने ये भी कहा कि कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का हल शिमला समझौता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समझौतों के तहत होना चाहिए। मगर मानवाधिकार का मुद्दा भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय या घरेलू मुद्दा नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और सभी सहयोगियों से उम्मीद है कि वे मानवाधिकार के अंतरराष्ट्रीय पैमाने का सम्मान करने के साथ-साथ उसे लागू करें।
वीडिये देखिये
विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने ब्रिटिश संसद को ये भी बताया कि इस मुद्दे पर उनके और भारत के विदेश मंत्री के अलावा पीएम बोरिस जॉनसन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच भी बात हुई है और उन्हें ब्रिटेन की चिंताओं के बारे में बता दिया गया है। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के बाहर बार-बार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास की ओर पत्थर भी फेंके।Latest Videos