UN से भारत को लगा झटका, नागरिकता क़ानून को भेदभाव वाला बताया
नागरिकता कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र से भारत को झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र ने नागरिकता क़ानून को भेदभाव वाला बताते हुए, इसके खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों, और उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल के बेतहाशा इस्तेमाल पर चिंता जताई है.
नागरिकता क़ानून और इसके ख़िलाफ़ कैंपसों में जारी विरोध प्रदर्शन को कुचलने पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता ज़ाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टेफने दुजार्रिक ने कहा कि यूएन के महासचिव एंटोनिओ गूटारेस भारत में नागरिकता क़ानून के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों और उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल के बेतहाशा इस्तेमाल पर चिंतित हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रवक्ता जेरेमे लॉरेंस ने बयान जारीकर नए नागरिकता कानून को मूल रूप से भेदभाव से भरा कानून बताया है। उन्होंने कहा कि इस कानून से भारत के संविधान में मिला नागरिकों की बराबरी का अधिकार कमज़ोर होता है. वीडियो देखिये वहीं संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि भारत में शरणार्थियों की समस्या ज़्यादा गंभीर नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 2018 में 1,95, 891 रिफ्यूजी थे और लगभग 12 हज़ार लोग शरण की मांग कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रवक्ता जेरेमे लॉरेंस ने बयान जारीकर नए नागरिकता कानून को मूल रूप से भेदभाव से भरा कानून बताया है। उन्होंने कहा कि इस कानून से भारत के संविधान में मिला नागरिकों की बराबरी का अधिकार कमज़ोर होता है. वीडियो देखिये वहीं संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि भारत में शरणार्थियों की समस्या ज़्यादा गंभीर नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 2018 में 1,95, 891 रिफ्यूजी थे और लगभग 12 हज़ार लोग शरण की मांग कर रहे थे।
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