लेबनान की राजधानी बेरुत धमाकों से दहली, अब तक 78 मौतें
लेबनान की राजधानी बेरुत दो शक्तिशाली धमाकों से थर्रा उठी है. इन धमाकों में 78 लोग अब तक मारे जा चुके हैं जबकि चार हज़ार से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं. लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दिआब ने कहा है कि धमाके में 2 हज़ार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ जो बेरूत पोर्ट पर एक गोदाम में रखा हुआ था. पीएम हसन दिआब ने चेतावनी दी है कि धमाके के लिए ज़िम्मेदार लोगों को बख़्शा नहीं जाएगा.
यह धमाका इतना ताक़तवर था कि इसकी गूंज तक़रीबन 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी. वहीं राजधानी बेरूत में सैकड़ों घरों की खिड़कियां टूट गईं और बड़ी तादाद में लोग उड़ते हुए कांच से ज़ख़्मी हो गए. चश्मदीदों के मुताबिक जगह-जगह कांच के टुकड़े और मलबा बिखरा हुआ है. मलबों से अभी भी लोगों को निकाला जा रहा है.
यह धमाका कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरुत पोर्ट के नज़दीक गोदाम में विस्फोटक 2014 से ही रखा हुआ था. इज़रायल ने इस हमले में अपनी भूमिका को नकारा है. लेबनान में सक्रिय शिया संगठन हिज़बुल्लाह की भूमिका की भी जांच की जा रही है. लेबनान दशकों से तरह-तरह की समस्यायों से जूझ रहा है. यह देश 1975 से 1990 तक गृह युद्ध की आग में जलता रहा रहा. कुछ सालों से यहां आर्थिक संकट चरम पर है और हज़ारों लोग सड़कों पर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना महामारी का संक्रमण यहां बहुत नहीं फैला है लेकिन इसकी वजह से दम तोड़ती अर्थव्यवस्था की सांसें ज़रूर अटक गई हैं. इन सबके बीच दो ताक़तवर धमाकों ने इस देश को घुटनों के बल ला दिया है. दुनिया के कई देशों के प्रमुखों ने लेबनान के साथ एकजुटता दिखाई है. पीएम मोदी ने भी बयान जारीकर कहा है कि बेरुत शहर में हुए इस धमाके से वह दुखी और हैरान हैं. उन्होंने मरने वालों के परिजनों और घायलों के प्रति शोक ज़ाहिर किया है.
यह धमाका कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरुत पोर्ट के नज़दीक गोदाम में विस्फोटक 2014 से ही रखा हुआ था. इज़रायल ने इस हमले में अपनी भूमिका को नकारा है. लेबनान में सक्रिय शिया संगठन हिज़बुल्लाह की भूमिका की भी जांच की जा रही है. लेबनान दशकों से तरह-तरह की समस्यायों से जूझ रहा है. यह देश 1975 से 1990 तक गृह युद्ध की आग में जलता रहा रहा. कुछ सालों से यहां आर्थिक संकट चरम पर है और हज़ारों लोग सड़कों पर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. कोरोना महामारी का संक्रमण यहां बहुत नहीं फैला है लेकिन इसकी वजह से दम तोड़ती अर्थव्यवस्था की सांसें ज़रूर अटक गई हैं. इन सबके बीच दो ताक़तवर धमाकों ने इस देश को घुटनों के बल ला दिया है. दुनिया के कई देशों के प्रमुखों ने लेबनान के साथ एकजुटता दिखाई है. पीएम मोदी ने भी बयान जारीकर कहा है कि बेरुत शहर में हुए इस धमाके से वह दुखी और हैरान हैं. उन्होंने मरने वालों के परिजनों और घायलों के प्रति शोक ज़ाहिर किया है.
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