गुजरात के भावनगर में हंगामे के बाद 10 प्रवासी मज़दूर गिरफ़्तार
गुजरात और यूपी सरकार के बीच आपसी तालमेल बिगड़ने का ख़ामियाजा प्रवासी मज़दूरों को उठाना पड़ा है. गुजरात के भावनगर से यूपी के लिए श्रमिक ट्रेन चलनी थी लेकिन दोनों राज्य सरकारों के बीच तालमेल की कमी के चलते आख़िरी वक़्त में ट्रेन रद्द करनी पड़ी.
नतीजा यह हुआ कि तकरीबन 50 दिन से घर जाने की कोशिश कर रहे मज़दूरों का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने बस में तोड़फोड़ की. अब 10 मज़दूरों को भावनगर पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. प्रवासी मज़दूर भावनगर के निरमा लिमिटेड केमिकल प्लांट में काम करते हैं.
तकरीबन 50 की संख्या में इन मज़दूरों को निरमा प्लांट से भावनगर रेलवे स्टेशन ले जाया जा रहा था लेकिन आधे रास्ते में पता चला कि ट्रेन रद्द हो गई है. इसके बाद मज़दूरों ने वहीं हंगामा शुरू कर दिया. अफ़सरों को वहीं पहुंचकर मज़दूरों को समझाना पड़ा. उन्हें भरोसा दिलाया गया कि जल्द ही उन्हें यूपी भेजने का इंतज़ाम किया जाएगा. मगर मज़दूर जब वापस अपनी कॉलोनी में पहुंचे तो वहां भी बस में तोड़फोड़ की गई. वीडियो देखिये भावनगर के डीएम गौरव मकवाना के मुताबिक गुजरात सरकार ने यूपी सरकार से ट्रेन भेजने की इजाज़त मांगी थी लेकिन जवाब नहीं आया और ट्रेन रद्द करनी पड़ी. भावनगर के एसपी जयपाल सिंह राठौड़ के मुताबिक मज़दूरों में यह डर फैल गया कि कंपनी उन्हें घर नहीं जाने दे रही है जिससे वे भड़क गए लेकिन यह सच नहीं था.
तकरीबन 50 की संख्या में इन मज़दूरों को निरमा प्लांट से भावनगर रेलवे स्टेशन ले जाया जा रहा था लेकिन आधे रास्ते में पता चला कि ट्रेन रद्द हो गई है. इसके बाद मज़दूरों ने वहीं हंगामा शुरू कर दिया. अफ़सरों को वहीं पहुंचकर मज़दूरों को समझाना पड़ा. उन्हें भरोसा दिलाया गया कि जल्द ही उन्हें यूपी भेजने का इंतज़ाम किया जाएगा. मगर मज़दूर जब वापस अपनी कॉलोनी में पहुंचे तो वहां भी बस में तोड़फोड़ की गई. वीडियो देखिये भावनगर के डीएम गौरव मकवाना के मुताबिक गुजरात सरकार ने यूपी सरकार से ट्रेन भेजने की इजाज़त मांगी थी लेकिन जवाब नहीं आया और ट्रेन रद्द करनी पड़ी. भावनगर के एसपी जयपाल सिंह राठौड़ के मुताबिक मज़दूरों में यह डर फैल गया कि कंपनी उन्हें घर नहीं जाने दे रही है जिससे वे भड़क गए लेकिन यह सच नहीं था.
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