अनुच्छेद 370 के 100 दिन पूरे, क्या घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी और मुश्किल हुई?
जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म हुए 100 दिन हो चुके हैं लेकिन घाटी में हालात सामान्य होने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं. 100 दिन पूरा होने के बावजूद घाटी में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं की जा सकी. मोबाइल सेवा भी पूरी तरह नहीं खुली है. इस पाबंदी से स्टूडेंट्स, डॉक्टर, पत्रकार और कारोबारियों में बेचैनी है.
तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती नज़रबंद हैं. फारूक़ अब्दुल्लाह पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है. इनके अलावा सैकड़ों सामाजिक, नागरिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी जेलों में हैं.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए तमाम याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं लेकिन सुनवाई की रफ़्तार बेहद धीमी है. कश्मीर घाटी से हर साल सेब का कारोबार तक़रीबन आठ हज़ार करोड़ का होता है लेकिन इस बार यह ठप रहा. जम्मू-कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक 5 अगस्त के बाद से घाटी में 10 हज़ार करोड़ से ज़्यादा के कारोबार का नुकसान हो चुका है. 100 दिन पूरा होने पर घाटी में रेलवे सेवा बहाल कर दी गई लेकिन भारी बर्फबारी के बीच कितनी ट्रेनें चल पाएंगी, यह कहना मुश्किल है. 7 नवंबर को हुई बर्फबारी के बाद से घाटी में बिजली सप्लाई ठप है. घाटी के ज़्यादातर हिस्सों में अंधेरा पसरा है. नब्बे के दशक में घाटी छोड़ने पर मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों की वापसी का रास्ता नहीं खुल सका है.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए तमाम याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं लेकिन सुनवाई की रफ़्तार बेहद धीमी है. कश्मीर घाटी से हर साल सेब का कारोबार तक़रीबन आठ हज़ार करोड़ का होता है लेकिन इस बार यह ठप रहा. जम्मू-कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक 5 अगस्त के बाद से घाटी में 10 हज़ार करोड़ से ज़्यादा के कारोबार का नुकसान हो चुका है. 100 दिन पूरा होने पर घाटी में रेलवे सेवा बहाल कर दी गई लेकिन भारी बर्फबारी के बीच कितनी ट्रेनें चल पाएंगी, यह कहना मुश्किल है. 7 नवंबर को हुई बर्फबारी के बाद से घाटी में बिजली सप्लाई ठप है. घाटी के ज़्यादातर हिस्सों में अंधेरा पसरा है. नब्बे के दशक में घाटी छोड़ने पर मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों की वापसी का रास्ता नहीं खुल सका है.
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