10 दिन से जारी आंदोलनों में 22 लोग मारे गए, यूपी में हालात बेक़ाबू, हिंसा-आगज़नी जारी

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 3706

22 people killed in agitations for 10 days, violen
नागरिकता क़ानून पर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन थमने की बजाय उग्र होता जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में 10 दिन से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है.

केंद्र सरकार के विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ 10 दिन से जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें उत्तर प्रदेश में 15 मौतें हुई हैं जिनमें आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है जबकि असम में पांच और कर्नाटक के मैंगलौर में दो लोग मारे गए हैं.


इतनी मौतों के बावजूद प्रदर्शन थमने की बजाय उग्र और हिंसक होता जा रहा है. सबसे ज़्यादा ख़राब हालात उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में है जहां बार-बार हिंसा भड़क रही है और हालात बेक़ाबू हैं. शनिवार को रामपुर और कानपुर में आगज़नी और पथराव के बीच लाठीचार्ज किया गया. सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इस पूरी कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है और हालात कर्फ्यू जैसे बने हुए हैं. ज़मीनी हालात देखकर ऐसा लगता है कि यूपी में क़ानून व्यवस्था सरकार के हाथ से निकल गई है. आंदोलन पर लगाम कसने के लिए यूपी पुलिस अभी तक 124 एफ़आईआर दर्ज करके 705 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी ने राज्यभर में बंद बुलाया है जिसे कांग्रेस और वामदलों का समर्थन हासिल है. राज्य के कई हिस्सों में तोड़फोड़ और चक्का जाम किया गया है. पटना में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं जिनकी अगुवाई आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कर रहे हैं. यहां भी क़ानून व्यवस्था बिगड़ रही है. इस बीच प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए जेडीयू ने कहा है कि एनआरसी की प्रक्रिया संदेह के घेरे में है और इसे बिहार में लागू नहीं किया जाएगा.

असम में भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी है. गुवाहाटी में हज़ारों महिला प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गईं और इस क़ानून को वापस लेने का मांग की. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख समुजल भट्टाचार्य ने इस क़ानून को रद्द करने की मांग की है.

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राजधानी दिल्ली में हालात में सुधार नहीं हो रहा है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया और राजघाट में प्रदर्शन जारी रहा. ठीक एक दिन दरियागंज इलाक़े में हुई आगज़नी और लाठीचार्ज के मामले में दिल्ली पुलिस ने कम से कम लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भी शामिल हैं. दिल्ली में आने वाले दिनों में और विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं. दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में भी जगह-जगह प्रदर्शन जारी है. इन राज्यों में प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है और कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.

इस बीच उद्योगपतियों और कारोबारियों में मन में यह डर बढ़ रहा है कि अगर देशभर में प्रदर्शन लंबा चला तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.

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