चार साल में गटर की सफ़ाई के दौरान 282 मज़दूरों की मौत - केंद्र सरकार

by Rahul Gautam 4 years ago Views 2353

282 laborers killed during gutter cleanup in four
गटर में उतर सीवर की सफ़ाई करना एक तकलीफदेह और जानलेवा काम है. लोकसभा में पेश ताज़ा आकड़े बताते हैं कि सीवर की सफ़ाई करने के दौरान बीते चार सालों देश के अलग-अलग हिस्सों में 282 लोगों की जान जा चुकी है।

लोकसभा में पेश समाज कल्याण मंत्रालय के ताज़ा आंकड़े सीवर में उतरकर सफ़ाई करने वाले मज़दूरों की मौत की भयावह तस्वीर पेश करते हैं. नए आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 से 2019 के बीच में सीवर में सफ़ाई करते हुए 282 लोगों की जान जा चुकी है।


मंत्रालय के मुताबिक 2016 में 50, 2017 में 83, 2018 में 66 और इस साल नवंबर तक 83 लोगों की मौत सीवर की सफ़ाई करने के दौरान हुई है. समाज कल्याण मंत्रालय ने यह भी बताया है कि इनमें से 156 लोगों को 10-10 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया गया है।

सीवर सफाई करने वाले मज़दूरों की मौत के सबसे ज़्यादा 40 मामले तमिलनाडु में सामने आए. वहीं हरियाणा में 31, दिल्ली और गुजरात में 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में 27, कर्नाटक और राजस्थान में 17 मौतें हुईं. वहीं  मध्य प्रदेश में 2, और छत्तीसगढ़ में 1 मज़दूर को गटर में उतरकर सफ़ाई करने के दौरान जान गंवानी पड़ी.

मैला ढोने की प्रथा पर 2013 में ही कानून बनाकर रोक लगा दी गयी थी लेकन आज भी देश में तक़रीबन 60000 लोग मैला ढोने के काम में लगे हुए हैं. 21वीं सदी के भारत के लिए यह आंकड़ा किसी शर्म से कम नहीं है.

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