मध्य प्रदेश के 2013 के व्यापम भर्ती घोटाले में 31 दोषी करार, अदालत 25 नवंबर को सुनाएगी सज़ा
मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम द्वारा 2013 में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में 31 आरोपियों को भोपाल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया है। इन सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कोर्ट अब इस मामले में 25 नवंबर को सजा सुनाएगी। ये फ़ैसला आते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई और कहा कि अभी तो छोटी मछलियाँ पकड़ी गई है आगे इसमें बडे बड़े मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे।
2013 के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा वाले व्यापम घोटाले के मामले में भोपाल की एक विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एसबी साहू ने 31 आरोपियों को दोषी करार दिया है। फैसला आने के बाद सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है वहीं अब इस मामले में अदालत 25 नवंबर को सजा सुनाएगी।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि परीक्षा 15 सितंबर 2013 को हुई थी। गड़बड़ी की शिकायत के बाद भोपाल और दतिया के सेंटरों पर कार्रवाई के दौरान 31 आरोपी बनाए गए थे। वहीं फ़ैसला आते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई और कहा कि अभी तो छोटी मछलियाँ पकड़ी गई है आगे इसमें बड़े-बड़े मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे। इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 11 दिसंबर 2015 को ये मामला सीबीआई को सौंप दिया था। साथ ही एसआईटी और एसटीएफ को उसका सहयोग करने को कहा गया था। सीबीआई ने जांच के आधार पर भोपाल की विशेष अदालत में अप्रैल 2017 में चालान पेश किया था। चालान में 12 फर्जी उम्मीदवारों समेत उनकी मदद करने वाले दलाल भी शामिल थे। सीबीआई ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने इस मामले में 170 एफआईआर दर्ज की थीं। जिसमें 143 मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और संदिग्ध मौतोंं के 16 मामलों समेत 20 मामलों में जांच बंद हो चुकी है। 2015 से सीबीआई इस केस की जाँच कर रही है जिसमें 2500 से ज्यादा आरोपी बनाये गए जिनमें तकरीबन 1000 परीक्षार्थी हैं।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि परीक्षा 15 सितंबर 2013 को हुई थी। गड़बड़ी की शिकायत के बाद भोपाल और दतिया के सेंटरों पर कार्रवाई के दौरान 31 आरोपी बनाए गए थे। वहीं फ़ैसला आते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई और कहा कि अभी तो छोटी मछलियाँ पकड़ी गई है आगे इसमें बड़े-बड़े मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे। इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 11 दिसंबर 2015 को ये मामला सीबीआई को सौंप दिया था। साथ ही एसआईटी और एसटीएफ को उसका सहयोग करने को कहा गया था। सीबीआई ने जांच के आधार पर भोपाल की विशेष अदालत में अप्रैल 2017 में चालान पेश किया था। चालान में 12 फर्जी उम्मीदवारों समेत उनकी मदद करने वाले दलाल भी शामिल थे। सीबीआई ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने इस मामले में 170 एफआईआर दर्ज की थीं। जिसमें 143 मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और संदिग्ध मौतोंं के 16 मामलों समेत 20 मामलों में जांच बंद हो चुकी है। 2015 से सीबीआई इस केस की जाँच कर रही है जिसमें 2500 से ज्यादा आरोपी बनाये गए जिनमें तकरीबन 1000 परीक्षार्थी हैं।
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