पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए 3,481 लोगों को मिली नागरिकता - गृह मंत्रालय

by Rahul Gautam 4 years ago Views 5043

3,481 people got citizenship from Pakistan, Afghan
गृह मंत्रालय की ओर से लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफग़ानिस्तान के तीन हज़ार से ज़्यादा लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है. सरकार बता चुकी है कि नागरिकता क़ानून में संशोधन होने के बाद भी महज़ 31 हज़ार लोगों को नागरिकता मिलने वाली है. ऐसे में एक विवादित क़ानून लाने पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

केंद्र सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफग़ानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को नागरिकता देने का क़ानून ला चुकी है जिसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच लोकसभा में पेश गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तीनों देशों के लोगों को बेहद कम संख्या में नागरिकता दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 से 2019 के बीच बांग्लादेश के 148, अफ़ग़ानिस्तान के 665 और पाकिस्तान के 2,668 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है. इनके अलावा 2015 में भारत-बांग्लादेश भूमि समझौता के तहत 14,864 बांग्लादेशी मूल के लोगों को एक मुश्त नागरिकता दी गई थी. 


भारत-बांग्लादेश भूमि समझौता 16 मई 1,974 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के पीएम शेख मुजीबुर रहमान के बीच हुआ था जिसके मुताबिक दोनों देशो में बीच ज़मीन की अदला बदली करना थी। हालांकि, इस समझौते को अमल में लाने में 40 साल से ज़्यादा लग गए और 2015 में इसे लागू किया गया

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इन आंकड़ों से यह साफ है कि तीनों देशों से नागरिकता पाने वालों की संख्या बेहद मामूली है और नया क़ानून बनने के बाद तक़रीबन 31 हज़ार लोगों को फौरी फायदा होगा. यह वही लोग हैं जो 31 दिसंबर 2014 से पहले अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत में आ चुके है. सवाल यह है कि महज़ कुछ हज़ार लोगों को नागरिकता देने के लिए क़ानून बनाने की बजाय सरकार कोई दूसरा रास्ता नहीं निकाल सकती थी ताकि देश को प्रदर्शनों और हंगामों की आग में झोंकने से बचा सकता था.

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