चेन्नई एयरपोर्ट पर बैंकॉक से लाए जा रहे 36 दुर्लभ जन्तु ज़ब्त, तीन तस्कर गिरफ्त में
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों ने मंगलवार को बैंकाक से दुर्लभ प्रजातियों के जंगली जानवरो को भारत में लाते हुए तीन तस्करो को हिरासत में ले लिया। सामान में छुपाकर लाये जा रहे इन जानवरों में ऐसे ख़ास किस्म के बंदर, सरीसृप और चूहे शामिल थे, जोकि अब लगभग ख़त्म होने की कगार पर है।
चेन्नई हवाई अड्डे के कस्टम विभाग ने लगभग 3 दर्जन बेहद ही दुर्लभ जानवरों को जब्त किया है। इन जंगली जानवरों को थाईलैंड के बंगकॉक से तस्करी कर लाया जा रहा था। तस्करी कर रहे तीनो लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने मर्मोसेट्स और रेड-हैंड टैमरीन नामक प्रजातिओ के बंदर, इगुआना प्रजाति के सरीसृप, तीन रंगी गिलहरी और ख़ास तरह के चूहों के रूप में इन जानवरो की पहचान की है।
दरअसल, अधिकारियों को जंगली जानवरों की बैंकॉक से तस्करी होने की खुफ़िआ जानकारी थी जिस वजह से सारा विभाग अलर्ट पर था।इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ तब हुआ तब मंगलवार को एयरपोर्ट पर बैंकाक से आये एक व्यक्ति को शक के आधार पर हिरासत में लिया और उसके बैगों की तलाशी ली गयी जिसमे चार प्लास्टिक बॉक्स और चॉकलेट के बीच एक छोटा कार्डबोर्ड बॉक्स छुपा था। इसी व्यक्ति के बयान पर 2 और लोगो को हिरासत में लिया गया है। वीडियो देखिये अधिकारिओ को चकमा देने के लिए इन वस्तुओं के बीच जंगली जानवरों की बॉक्सिंग कर उन्हें छुपा हुआ पाया गया। अब सभी वन्यजीव प्रजातियों को मूल देश में वापस भेजने की सिफारिश की गयी है क्योंकि उनके भारत में आयात के लिए उन्हें लाने वाले यात्री के पास कोई एनओसी लाइसेंस वगेरा मौजूद नहीं था।
दरअसल, अधिकारियों को जंगली जानवरों की बैंकॉक से तस्करी होने की खुफ़िआ जानकारी थी जिस वजह से सारा विभाग अलर्ट पर था।इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ तब हुआ तब मंगलवार को एयरपोर्ट पर बैंकाक से आये एक व्यक्ति को शक के आधार पर हिरासत में लिया और उसके बैगों की तलाशी ली गयी जिसमे चार प्लास्टिक बॉक्स और चॉकलेट के बीच एक छोटा कार्डबोर्ड बॉक्स छुपा था। इसी व्यक्ति के बयान पर 2 और लोगो को हिरासत में लिया गया है। वीडियो देखिये अधिकारिओ को चकमा देने के लिए इन वस्तुओं के बीच जंगली जानवरों की बॉक्सिंग कर उन्हें छुपा हुआ पाया गया। अब सभी वन्यजीव प्रजातियों को मूल देश में वापस भेजने की सिफारिश की गयी है क्योंकि उनके भारत में आयात के लिए उन्हें लाने वाले यात्री के पास कोई एनओसी लाइसेंस वगेरा मौजूद नहीं था।
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