जेलों में 406 अपराधी काट रहे हैं आखिरी दिन
राजधानी दिल्ली में जहां निर्भया केस में जहां फांसी की सजा पाए दोषियों पर चर्चा चल रही हैं। वहीं ताजा सरकारी आंकड़े बताते हैं देश की अलग-अलग जेलों में मौत की सजा पाए 406 अपराधी अपने आखिरी दिन काट रहे हैं। ये आंकड़े कुल दोषियों के आकड़े का मात्र 0.3 फीसद हैं। आपको बता दे कि भारत में केवल रेयरेस्ट ऑफ द रेयर यनि बेहद गिने-चुने मामलों में ही फांसी की सजा सुनाई जाती हैं।
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब् यूरो यानि NCRB के ताज़ा जारी आं कड़े बताते है की 31 दिसंबर, 2018 तक देश की अलग अलग जेलों में मौत की सजा पाए 406 अपराधी जे लों में अपने दिन गिन रहे है। इ समें से अकेले साल 2018 में ही 186 मुजरिमों को फांसी की सजा सु नाई गई।
देश की सबसे बड़ी सजा यानि फां सी की सजा केवल तभी सुनाई जाती है जब कोई गुनहागार बेहद ही गम् भीर अपराध करता हैं। NCRB के आंकड़े बताते है फांसी पा ए सबसे ज्यादा क़ैदी महाराष्ट्रा में हैं। जहां 76 लोगों को फां सी की सजा सुनाई जा चुकी है। इस के बाद उत्तर प्रदेश में 44, मध्य प्रदेश में 40, पश्चिम बंगाल में 37, कर्नाटक में 26 और दिल्ली में 14 लोगों को फांसी की सजा सु नाई गई। वही दूसरी तरफ तेलंगाना,गोवा, आ रुणाचल प्रदेश, हिमाचल,मेघालय,म णिपुर,सिक्किम, त्रिपुरा, मिजो रम और नागालैंड में कोई इंसान मौ त की सजा नहीं काट रहा है।
आंकड़े ये भी बताते है साल 2018 में 65 लोगो की फांसी की सजा को घटाकर उम्र क़ैद में तब्दील करदि या गया। कई लोग मांग करते रहे है की अपरा धीओ के मन में दर बिठाने के लिए गंभीर अपराध करने वालो को फां सी दी जानी चाहिए लेकिन आंकड़े सा फ़ कर रहे है भारत में दुर्लभतम यानि रेयरेस्ट ऑफ़ द रेयर केस में ही मौत की सजाये दी जा रही है।
देश की सबसे बड़ी सजा यानि फां
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