डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के बाद लद्दाख़ में भी मध्यस्थता की पेशकश की
भारत-चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में सीमा विवाद गहराता जा रहा है. दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हमने भारत और चीन को इत्तेला दे दी है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद में मध्यस्थता के लिए तैयार है. शुक्रिया.’
भारत और चीन के बीच विवाद लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील और गलवान घाटी को लेकर हो रहा है. चीनी मीडिया के मुताबिक भारत ने गलवान घाटी में रक्षा सुविधाओं का निर्माण किया है जो अवैध है. इसके बाद से चीन ने पैंगोंग झील और गलवान घाटी में सैन्य हलचल तेज़ कर दी है. हालांकि बढ़ते तनाव के बीच चीन के मुखपत्र पीपुल्स डेली में यह भी दावा किया गया है कि दोनों देश राजनयिक चैनलों के माध्यम से इसपर चर्चा कर रहे हैं. लद्दाख के ताज़ा हालात पर कांग्रेस पार्टी ने भी बयान जारी कर दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि पैंगांग त्सो झील और गलवान क्षेत्र में चीनी सेना का अतिक्रमण और दोनों देशों की सेनाओं का आमना-सामना होना गंभीर मामला है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में विवाद के बढ़ने और लोगों के छप रहे बयानों ने देश की जनता में चिंता का माहौल है. कांग्रेस पार्टी की अपील की है कि सरकार जनता का विश्वास हासिल करे और लोगों की चिंताओं को दूर करे.
यह पहला मौक़ा नहीं है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और उसके पड़ोसी देशों के सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की है. इससे पहले वो कई बार कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता निभाने की बात कर चुके हैं.We have informed both India and China that the United States is ready, willing and able to mediate or arbitrate their now raging border dispute. Thank you!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 27, 2020
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भारत और चीन के बीच विवाद लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील और गलवान घाटी को लेकर हो रहा है. चीनी मीडिया के मुताबिक भारत ने गलवान घाटी में रक्षा सुविधाओं का निर्माण किया है जो अवैध है. इसके बाद से चीन ने पैंगोंग झील और गलवान घाटी में सैन्य हलचल तेज़ कर दी है. हालांकि बढ़ते तनाव के बीच चीन के मुखपत्र पीपुल्स डेली में यह भी दावा किया गया है कि दोनों देश राजनयिक चैनलों के माध्यम से इसपर चर्चा कर रहे हैं. लद्दाख के ताज़ा हालात पर कांग्रेस पार्टी ने भी बयान जारी कर दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि पैंगांग त्सो झील और गलवान क्षेत्र में चीनी सेना का अतिक्रमण और दोनों देशों की सेनाओं का आमना-सामना होना गंभीर मामला है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में विवाद के बढ़ने और लोगों के छप रहे बयानों ने देश की जनता में चिंता का माहौल है. कांग्रेस पार्टी की अपील की है कि सरकार जनता का विश्वास हासिल करे और लोगों की चिंताओं को दूर करे.
भारत में चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने भी एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया है. उन्होंने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए अवसर हैं. दोनों देशों को एक दूसरे से कोई ख़तरा नहीं है. हमें एक दूसरे का विकास सही तरह से देखना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपना मतभेद दूर करना चाहिए और इसका असर द्वीपक्षीय सहयोग पर नहीं पड़ना चाहिए.We urge the Government of India to take the nation into confidence and address the concerns of the people: Congress statement on Ladakh situation pic.twitter.com/VOfOoq9dED
— ANI (@ANI) May 27, 2020
#WATCH China&India are each other's opportunities&pose no threat to each other. We need to see each other's development in a correct way...&correctly view our differences&never let differences shadow overall situation of bilateral cooperation: Chinese Envoy to India, Sun Weidong pic.twitter.com/iescP9dFpM
— ANI (@ANI) May 27, 2020
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