ऑक्सफोर्ड में बंदरों पर परीक्षण सफल, सितंबर में मिलेगी कोरोना वैक्सीन
कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. इस रेस में ऑक्सफोर्ड का जेनेर इंस्टीट्यूट सबसे आगे है जिसने बंदरों पर वैक्सीन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है. जेनेर इंस्टीट्यूट ने उम्मीद जताई है कि रेग्यूलेटर्स से आपातकालीन मंज़ूरी मिलने के बाद सितंबर तक कुछ लाख कोराना वैक्सीन तैयार की जा सकती हैं.
वैज्ञानिकों के दल में शामिल डॉक्टर विंसेट मंस्टर के मुताबिक, ‘पिछले महीने रीज़ज़ मकैक प्रजाति के बंदरों को इस वैक्सीन की ख़ुराक़ दी गई. इसके बाद बंदरों को कोरोनावायरस से संक्रमित किया गया लेकिन 28 दिन गुज़र जाने के बावजूद सभी छह बंदर पूरी तरह स्वस्थ मिले. इस परीक्षण ने जेनेर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों में ख़ासी उम्मीद जगाई है क्योंकि रीज़ज़ मकैक प्रजाति के बंदर इंसानों के सबसे क़रीब हैं.
बंदरों और इंसानों की इम्युनिटी में फर्क़ होता है. यह वैक्सीन बंदरों की तरह इंसानों को भी उसी तरह सुरक्षित कर पाएगी या नहीं, इसका परीक्षण होना अभी बाक़ी है. वीडियो देखिए जेनेर इंस्टीट्यूट के ट्रायल में अभी तक यह साबित किया जा चुका है कि इस वैक्सीन का इम्युनाइज़ेशन इंसानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. उम्मीद की जा रही है कि यह सुरक्षित होने के साथ-साथ कारगर भी साबित होगा. जेनेर इंस्टीट्यूट ने मई के आख़िर तक छह हज़ार लोगों पर इसका परीक्षण का लक्ष्य तय किया है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इंसानों पर सफल परीक्षण के बाद नियामकों से आपातकालीन मंज़ूरी लेनी होगी और कुछ लाख वैक्सीन सितंबर तक तैयार कर ली जाएंगी.
बंदरों और इंसानों की इम्युनिटी में फर्क़ होता है. यह वैक्सीन बंदरों की तरह इंसानों को भी उसी तरह सुरक्षित कर पाएगी या नहीं, इसका परीक्षण होना अभी बाक़ी है. वीडियो देखिए जेनेर इंस्टीट्यूट के ट्रायल में अभी तक यह साबित किया जा चुका है कि इस वैक्सीन का इम्युनाइज़ेशन इंसानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. उम्मीद की जा रही है कि यह सुरक्षित होने के साथ-साथ कारगर भी साबित होगा. जेनेर इंस्टीट्यूट ने मई के आख़िर तक छह हज़ार लोगों पर इसका परीक्षण का लक्ष्य तय किया है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इंसानों पर सफल परीक्षण के बाद नियामकों से आपातकालीन मंज़ूरी लेनी होगी और कुछ लाख वैक्सीन सितंबर तक तैयार कर ली जाएंगी.
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