बीजेपी विधायकों के इस्तीफे के बाद मणिपुर में कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में

by Ankush Choubey 3 years ago Views 2020

After the resignation of BJP MLAs, Congress prepar
बीजेपी शासित मणिपुर में राज्य सरकार अपने तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद संकट में फंस गई है. इस्तीफ़ा देने वाले तीनों विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बीजेपी इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रही थी कि तभी सहयोगी दल एनपीपी के कोटे से डिप्टी सीएम वाइ जॉयकुमार सिंह के आलावा तीन और कैबिनेट मंत्रियों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.

इस राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है. मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोंबम भूपेंद्र मेइतेइ ने कहा कि मणिपुर में नए सूरज का उदय होगा और उन्हें पूरा भरोसा है कि तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह नए मुख्यमंत्री होंगे और कांग्रेस गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी। निंगोंबम भूपेंद्र मेइतेइ यहीं नहीं रुके उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का गिरना पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के पूरे देश में पतन की शुरुवात है।


बीजेपी विधायक के जिन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया, उनमें एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेनदई शामिल है। टीएमसी विधायक टी रॉबिंद्रो सिंह, नेशनल पीपल्स पार्टी से उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह के अलावा जिन तीन मंत्रियों ने मंत्रमंडल से इस्तीफा दिया उनमें आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र विकास मंत्री एन कायिसी, युवा कल्याण एवं खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह शामिल हैं। जबकि उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह के पास वित्त मंत्रालय की ज़िम्मेदारी थी।

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2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तो 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में 28 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी. वहीं बीजेपी ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि नेशनल पीपल्स पार्टी और नगा पीपल्स फ्रंट के चार-चार विधायक भी चुनाव में जीते थे। जबकि टीएमसी, एलजेपी और निर्दलय को एक-एक सीट हासिल हुई थी। मगर सारी पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गईं और उन्होंने बीजेपी को अपना समर्थन दिया तो एन बीरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

चुनाव के बाद आठ कांग्रेसी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे जिनके ख़िलाफ़ मणिपुर कांग्रेस ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. 8 जून को मणिपुर हाईकोर्ट ने 7 कांग्रेस विधायकों को राज्य विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया है जबकि एक विधायक को पहले ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है. कहा जा रहा है कि यह फैसला 19 जून को होने वाले राज्य सभा चुनाव के मद्देनज़र लिया गया है ।

अब अगर विधानसभा में बहुमत परिक्षण होता है तो कांग्रेस के आठ और बीजेपी के तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद, 11 विधायक वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इस स्थिति में सदन की संख्या 60 से घटाकर अब 49 हो जायेगी जिसके बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को सिर्फ 22 वोट तो कांग्रेस गठबंधन के खाते में 26 वोट आ सकते हैं।

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