पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास होते ही आंदोलन उग्र हुआ

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2371

As soon as the citizenship amendment bill is passe
विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास होते ही असम समेत उत्तर पूर्व के राज्यों में उबाल पैदा हो गया है. पूर्वोत्तर के ताक़तवर संगठन नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइज़ेशन और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन की अपील पर 12 घंटे की हड़ताल बुलाई गई है.

असम में गुवाहाटी के अलावा गोलाघाट, डिब्रूगढ़, जोरहट, शिवसागर समेत कई ज़िलों में दुकानें पूरी तरह बंद हैं. प्रदर्शनकारी सड़कों पर विरोध दर्ज कराने के लिए टायर जला रहे हैं और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी कर रहे हैं.


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल 1985 में वजूद में आए असम एकॉर्ड के ख़िलाफ़ है. इसके ज़रिए पूर्वोत्तर के राज्यों में अवैध बांग्लादेशियों को बसाने की कोशिश की जा रही है जो उन्हें मंज़ूर नहीं है.

नागरिकता संशोधन बिल पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रोटेक्टेड इलाक़ों में लागू नहीं होगा. प्रदर्शनकारियों ने बिल के इस प्रावधान पर भी सवाल उठाए. बीजेपी शासित राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी इस बिल के ख़िलाफ़ लोगों का ग़ुस्सा भड़क गया है.

असम, त्रिपुरा के अलावा मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय में भी प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शनकारियों ने साफ़ किया है कि जब तक कैब वापस नहीं होगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. और आने वाले दिनों में अगर पूर्वोत्तर के राज्यों में कुछ होता है तो केंद्र और राज्य सरकार उसके लिए सीधेतौर पर ज़िम्मेदार होगी.

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