रीवा सोलर पावर प्रोजेक्ट: राहुल ने पीएम मोदी को बताया 'असत्याग्रही'

by M. Nuruddin 3 years ago Views 2145

‘Asatyagrahi’: Rahul Gandhi on PM Modi’s claim tha
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में सोलर पावर प्रोजेक्ट लॉन्च करते हुए उसे 'एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट' बताया था। इसपर अब पलटवार करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी को ‘असत्याग्रही' कहा है। कांग्रेस पार्टी रीवा में शुरू किये गए सोलर प्रोजेक्ट को लेकर पीएम मोदी पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगा रही है।

दरअसल, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष और सिद्धारमैया सरकार में मंत्री रहे डीके शिवकुमार ने इससे पहले मोदी पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा था की 2000 मेगा वॉट का सोलर प्लांट पहले से ही कर्नाटक के तुमकारू ज़िले में मोजूद है। अब उन्होंने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से इस सिलसिले में जवाब मांगा है।


उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा सरकार दावा कर रही है कि मध्य प्रदेश के रीवा में उन्होंने एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बनाया है। लेकिन कर्नाटक के पावगदा में पहले से 2000 मेगा वॉट का प्लांट बनकर तैयार है और साल 2018 से ऑपरेश्नल है। ये सोलर प्लांट कांग्रेस काल में तीन साल के भीतर बनाई गई थी।’

उन्होंने अपने एक और ट्वीट में कहा, 'ख़ास बात ये है कि इस 2000 मेगा वॉट के सोलर प्लांट को बनाने के लिए किसानों की ज़मीनों का अधिग्रहण नहीं किया गया है। 13,000 एकड़ में बने इस सोलर प्लांट की सभी ज़मीनें लीज़ पर ली गई है, जिसका हर साल किराया दिया जाता है।'

मज़ेदार बात ये है कि 19 जनवरी,2020 को मोदी कैबिनेट में मंत्री पीयूष गोयल पहले ही कर्नाटक में बने इस सोलर प्लांट को दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट होने का ख़िताब दे चुके हैं।

उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘स्वच्छ ऊर्जा में भारत का नेतृत्व: कर्नाटक के पावगदा में बना दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क अब पूरी तौर पर ऑपरेश्नल है। ये प्लांट 2050 मेगा वॉट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करता है। किसानों से ज़मीनें लीज़ पर लेकर इस पार्क को बनाया गया है। सूखाग्रस्त क्षेत्र का उपयोग और किसानों की आय का बेहतर स्रोत है।’

बता दें कि कर्नाटक के तुमकारु ज़िले के पावगदा इलाक़े में बना इस सोलर पार्क की नींव साल 2016 में रखी गई थी। इस पार्क को कर्नाटक की तत्कालीन सरकार, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और कर्नाटक रिन्वेबल एनर्जी लिमिटेड ने मिलकर तैयार किया है। पार्क 250-250 मेगावॉट के साथ आठ भागों में बांटा गया है जो पूलिंग स्टेश और पूलिंग सब-स्टेशनों तक हाई वॉल्टेज सप्लाई करने में सक्षम है।

ख़ास बात ये है कि 13000 एकड़ में बने इस सोलर पार्क को किराए की ज़मीन पर बनाया गया है। कर्नाटक का पावगदा इलाका सूखाग्रस्त इलाकों में शामिल है। लीज़ पर ली गई इन ज़मीनों के लिए किसानों को 21,000 रूपये सालाना दिए जाते हैं। हालांकि ये हर दो साल में पांच फीसदी की दर से बढ़ने का भी प्रावधान है।

मेरकॉम इंडिया के सोलर प्रोजेक्ट ट्रैकर के मुताबिक़ कर्नाटक देश का पहला सौर राज्य है। जहां करीब 7.1 गीगावॉट बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाओं का संचालन होता है। राज्य में बिजली उत्पादन में रिन्वेबल एनर्जी का 62 फीसदी हिस्सेदारी है। साथ ही थर्मल पॉवर का 35 फीसदी और न्यूक्लियर पॉवर का 2.5 फीसदी है। वहीं कुल बिजली क्षमता में सौर ऊर्जा का हिस्सा 22 फीसदी है।

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