महामारी के बीच असम में बाढ़ से तबाही, 11 ज़िले बाढ़ग्रस्त, 321 गांवों में पानी घुसा
ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ने से असम में हालात बिगड़ गए हैं. राज्य के 11 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और तकरीबन 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ का पानी 321 गांवों में पहुंच गया है और गोअलपाड़ा में एक शख़्स की मौत भी हुई है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक लखीमपुर, नागांव, होजाई, दारांग, बरपेटा, नलबाड़ी, गोअलपाड़ा, पश्चिम कार्बी एंगलांग, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया ज़िला बाढ़ की चपेट में है और 2 लाख 72 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे ज़्यादा तबाही गोअलपाड़ा में मची है जहां अकेले 2 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं. नलबाड़ी और नागांव में भी हालात बिगड़ गए हैं. कई इलाक़ों में ट्रांसफार्मर्स पानी में डूबे हैं जहां बिजली काट दी गई है ताकि लोगों को करंट से मरने से बचाया जा सके.
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बाढ़ के चलते 2 हज़ार 678 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 57 राहत केंद्र और राशन वितरण केंद्र बनाए हैं. अब तक 172 क्विंटल चावल, दाल, नमक और 804 लीटर सरसो का तेल बाढ़ पीड़ितों में बांटा जा चुका है. पांच ज़िलों में 17 हज़ार लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है. वीडियो देखिए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अफ़सरों को हिदायत दी है कि राहत अभियान के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाए. राहत केंद्रों पर फिज़िकल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और हाथ धोना ज़रूरी है ताकि बाढ़ पीड़ितों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके.
Assam: At least seven districts of the state are affected by flash floods which have been caused by torrential rains & overflowing of Brahmaputra river at several places. Visuals from Kampur area in Nagaon district. (27.5.2020) pic.twitter.com/XgCRFYsvrF
— ANI (@ANI) May 27, 2020
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बाढ़ के चलते 2 हज़ार 678 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 57 राहत केंद्र और राशन वितरण केंद्र बनाए हैं. अब तक 172 क्विंटल चावल, दाल, नमक और 804 लीटर सरसो का तेल बाढ़ पीड़ितों में बांटा जा चुका है. पांच ज़िलों में 17 हज़ार लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है. वीडियो देखिए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अफ़सरों को हिदायत दी है कि राहत अभियान के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाए. राहत केंद्रों पर फिज़िकल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और हाथ धोना ज़रूरी है ताकि बाढ़ पीड़ितों में संक्रमण फैलने से रोका जा सके.
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