कर्नाटक सरकार और पुलिस पर हमला तेज़, कांग्रेस ने सीएम दफ़्तर का घेराव किया
नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मनमानी कार्रवाई करने पर कर्नाटक पुलिस घिरती जा रही है. कर्नाटक कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक फायदे के लिए सीएम बीएस येदियुरप्पा प्रदर्शनकारियों पर कर्नाटक पुलिस से मनमानी कार्रवाई करवा रहे हैं. कर्नाटक हाईकोर्ट भी राज्य पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा चुका है.
नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों पर मनमानी कार्रवाई के ख़िलाफ़ कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा पर हमले तेज़ हो गए हैं. नागरिक संगठनों के बाद अब कर्नाटक कांग्रेस ने चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा का दफ़्तर घेरने की कोशिश की. हालांकि सीएम हाउस पहुंचने से पहले ही बंगलुरू पुलिस ने कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं को हिरासत में ले लिया जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता एस सिद्धारमैया और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव भी शामिल हैं. कर्नाटक कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार सियासी फायदे के लिए पुलिस का इस्तेमाल मनमाने तरीक़े से कर रही है और झूठे मुकदमे दर्ज करकर लोगों को फंसा रही है.
राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि वो चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. कांग्रेस से पहले कई सामाजिक-नागरिक संगठन, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील, लेखक और रंगकर्मी कर्नाटक पुलिस को लेकर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. इनका आरोप है कि सीएम येदियुरप्पा के इशारे पर पुलिस नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का उत्पीड़न कर रही है. वीडियो देखिये 19 दिसंबर को नागरिकता क़ानून विरोधी देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान मंगलुरू पुलिस की गोली से दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी. इसके बाद बीदर ज़िले के एक स्कूल शाहीन इंटरनेशनल में नागरिकता क़ानून पर नाटक का मंचन हुआ तो पुलिस ने स्कूल और टीचरों पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्जकर दो महिलाओं का गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान बीदर पुलिस ने कई-कई घंटे तक बच्चों से पूछताछ की तो हंगामा बढ़ गया. नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ कर्नाटक पुलिस के इस बर्ताव पर हाईकोर्ट पर भी सवाल उठा चुका है. हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए राज्य में लगाई गई धारा 144 अवैध क़रार दिया जो कर्नाटक पुलिस के लिए एक बड़ा झटका है.
नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों पर मनमानी कार्रवाई के ख़िलाफ़ कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा पर हमले तेज़ हो गए हैं. नागरिक संगठनों के बाद अब कर्नाटक कांग्रेस ने चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा का दफ़्तर घेरने की कोशिश की. हालांकि सीएम हाउस पहुंचने से पहले ही बंगलुरू पुलिस ने कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं को हिरासत में ले लिया जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता एस सिद्धारमैया और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव भी शामिल हैं. कर्नाटक कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार सियासी फायदे के लिए पुलिस का इस्तेमाल मनमाने तरीक़े से कर रही है और झूठे मुकदमे दर्ज करकर लोगों को फंसा रही है.
राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि वो चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. कांग्रेस से पहले कई सामाजिक-नागरिक संगठन, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील, लेखक और रंगकर्मी कर्नाटक पुलिस को लेकर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. इनका आरोप है कि सीएम येदियुरप्पा के इशारे पर पुलिस नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का उत्पीड़न कर रही है. वीडियो देखिये 19 दिसंबर को नागरिकता क़ानून विरोधी देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान मंगलुरू पुलिस की गोली से दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी. इसके बाद बीदर ज़िले के एक स्कूल शाहीन इंटरनेशनल में नागरिकता क़ानून पर नाटक का मंचन हुआ तो पुलिस ने स्कूल और टीचरों पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्जकर दो महिलाओं का गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान बीदर पुलिस ने कई-कई घंटे तक बच्चों से पूछताछ की तो हंगामा बढ़ गया. नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ कर्नाटक पुलिस के इस बर्ताव पर हाईकोर्ट पर भी सवाल उठा चुका है. हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए राज्य में लगाई गई धारा 144 अवैध क़रार दिया जो कर्नाटक पुलिस के लिए एक बड़ा झटका है.
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