एविएशन सेक्टर धड़ाम, चार साल का सबसे ख़राब प्रदर्शन
दुनिया में चार साल तक सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले नागरिक उड्डयन बाज़ार का ताज भारत से छिन सकता है. दुनियाभर में एयरलाइंस के कारोबार की निगरानी करने वाली संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन यानी आईएटीए की नई रिपोर्ट से इसका पता चलता है. आईएटीए ने कहा है कि भारतीय उड्डयन बाज़ार के लिए आने वाला समय चुनौतियों से भरा हो सकता है.
चार साल तक दो अंकों की ग्रोथ दर्ज करने वाले भारतीय उड्डयन बाज़ार की रफ़्तार सुस्त पड़ गई है. साल 2018 में 18.9 फ़ीसदी की रफ़्तार दर्ज करने वाले भारतीय उड्डयन बाज़ार में 2019 में महज़ 5.1 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आईएटीए ने एक बयान जारीकर कहा, ‘भारतीय उड्डयन बाज़ार के लिए साल 2019 चुनौतीपूर्ण रहा.
चार साल तक लगातार दो अंकों की रफ़्तार से बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद भारतीय उड्डयन बाज़ार में तेज़ी से गिरावट दर्ज हुई है. एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज़ के दिवालिया होने और कमज़ोर होती अर्थव्यवस्था के चलते 2019 में भारतीय उड्डयन बाज़ार 5.1 फ़ीसदी पर आ गया जबकि 2018 में 18.9 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.’ आईएटीए दुनियाभर में 290 एयरलाइंस कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है जिनकी ग्लोबल एयर ट्रैफिक में हिस्सेदारी 82 फ़ीसदी है. यह संस्था बताती है कि दुनियाभर में हवाई यात्रा करने वालों की स्थिति क्या है. पिछले साल आईएटीए ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत ने लगातार चौथे साल तेज़ी से बढ़ने वाले उड्डयन बाज़ार का रुतबा बरक़रार रखा है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 से 2018 के बीच भारत की ग्रोथ उड्डयन बाज़ार में दुनिया में सबसे ज़्यादा रही. वीडियो देखिये भारतीय उड्डयन बाज़ार में साल 2015 में वृद्धि दर 20.3 फ़ीसदी दर्ज की गई थी. वहीं 2016 में 23.2 फ़ीसदी, 2017 में 17.3 फ़ीसदी और 2018 में 18.6 फ़ीसदी दर्ज की गई मगर 2019 में यह घटकर 5.1 फ़ीसदी रह गई है. यह गिरावट बताती है कि भारतीय उड्डयन बाज़ार के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने अप्रैल 2017 में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उड़ान योजना शुरू की थी. इसका उद्देश्य हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ-साथ आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सस्ता बनाना था लेकिन भारतीय उड्डयन बाज़ार में आई गिरावट से इस योजना को भी तगड़ा झटका लगा है.
चार साल तक लगातार दो अंकों की रफ़्तार से बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद भारतीय उड्डयन बाज़ार में तेज़ी से गिरावट दर्ज हुई है. एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज़ के दिवालिया होने और कमज़ोर होती अर्थव्यवस्था के चलते 2019 में भारतीय उड्डयन बाज़ार 5.1 फ़ीसदी पर आ गया जबकि 2018 में 18.9 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.’ आईएटीए दुनियाभर में 290 एयरलाइंस कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है जिनकी ग्लोबल एयर ट्रैफिक में हिस्सेदारी 82 फ़ीसदी है. यह संस्था बताती है कि दुनियाभर में हवाई यात्रा करने वालों की स्थिति क्या है. पिछले साल आईएटीए ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत ने लगातार चौथे साल तेज़ी से बढ़ने वाले उड्डयन बाज़ार का रुतबा बरक़रार रखा है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 से 2018 के बीच भारत की ग्रोथ उड्डयन बाज़ार में दुनिया में सबसे ज़्यादा रही. वीडियो देखिये भारतीय उड्डयन बाज़ार में साल 2015 में वृद्धि दर 20.3 फ़ीसदी दर्ज की गई थी. वहीं 2016 में 23.2 फ़ीसदी, 2017 में 17.3 फ़ीसदी और 2018 में 18.6 फ़ीसदी दर्ज की गई मगर 2019 में यह घटकर 5.1 फ़ीसदी रह गई है. यह गिरावट बताती है कि भारतीय उड्डयन बाज़ार के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने अप्रैल 2017 में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उड़ान योजना शुरू की थी. इसका उद्देश्य हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ-साथ आम लोगों के लिए हवाई यात्रा को सस्ता बनाना था लेकिन भारतीय उड्डयन बाज़ार में आई गिरावट से इस योजना को भी तगड़ा झटका लगा है.
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