हाथ चूमकर कोरोना का इलाज करने वाले बाबा की संक्रमण से मौत, 29 बाबा क्वारंटाइन
कोरोनावायरस के संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ अंधविश्वास के मामले भी बढ़ रहे हैं. अब मध्य प्रदेश के रतलाम में एक तांत्रिक असलम ने दावा किया कि वो झाड़ फूंक ज़रिए लोगों को कोरोना से बचा सकता है. मगर तांत्रिक ख़ुद कोरोना का शिकार हो गया और उसकी इसी बीमारी के चलते मौत हो गयी.
कहा जा रहा है कि इसी तांत्रिक की झाड़-फूंक के चलते 20 से ज्यादा लोग और संक्रमित हो गए है। घबराये प्रशासन ने इस घटना के बाद जांच कर झाड़-फूंक करने वाले और 29 लोगो को क्वारंटाइन कर दिया है। लोगों का कहना है कि असलम बाबा लोगों का हाथ चूमकर इस महामारी समेत तमाम परेशानियों से निजात दिलाने का दावा करता था।
स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि तांत्रिक 3 जून को कोविद 19 पॉजिटिव आया था और उससे अगले ही दिन उसकी मौत हो गयी। इसके बाद तुरंत कार्रवाई करते तांत्रिक के संपर्क में आए हुए 40 लोगों के टेस्ट सैंपल लिए गए जिसमें से 20 लोग संक्रमित पाए गए. इनमें 7 लोग तांत्रिक के परिवार वाले भी हैं. रतलाम प्रशासन ने लोगो से अपील की है कि वो ऐसे फ़र्ज़ी बाबाओं के चक्कर में ना आएं और त्वरित कार्रवाई करते हुए और 29 बाबाओं को क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया है। ये घटना बताती है कि कैसे जिस बीमारी से दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है, उस बीमारी में बारे में लोगों को कितनी कम जानकारी है। एक तरफ जहां बाजार में कोरोना से जुड़े फूहड़ गाने आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग कोरोना महामारी में देवी ढूंढ रहे है। इसी कड़ी में एक गाना 'कोरोना के मौसी जिंदाबाद' सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे 5 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के आसनसोल के नीचूपुरा इलाके में कुछ औरतों के कोरोना माई आस्था का नया प्रतीक बन गयी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोरोना को देवी मानकर पूजा की जा रही है. लेकिन ये सभी बातें केवल समाज में फैली अज्ञानता और जानकारी की कमी को दर्शाता है। इसके अलावा कैसे तांत्रिकों के रूप में ठग भोली भाली जनता को लूट रहे हैं, ये भी मालूम पड़ता है।
स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि तांत्रिक 3 जून को कोविद 19 पॉजिटिव आया था और उससे अगले ही दिन उसकी मौत हो गयी। इसके बाद तुरंत कार्रवाई करते तांत्रिक के संपर्क में आए हुए 40 लोगों के टेस्ट सैंपल लिए गए जिसमें से 20 लोग संक्रमित पाए गए. इनमें 7 लोग तांत्रिक के परिवार वाले भी हैं. रतलाम प्रशासन ने लोगो से अपील की है कि वो ऐसे फ़र्ज़ी बाबाओं के चक्कर में ना आएं और त्वरित कार्रवाई करते हुए और 29 बाबाओं को क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया है। ये घटना बताती है कि कैसे जिस बीमारी से दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है, उस बीमारी में बारे में लोगों को कितनी कम जानकारी है। एक तरफ जहां बाजार में कोरोना से जुड़े फूहड़ गाने आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग कोरोना महामारी में देवी ढूंढ रहे है। इसी कड़ी में एक गाना 'कोरोना के मौसी जिंदाबाद' सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे 5 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के आसनसोल के नीचूपुरा इलाके में कुछ औरतों के कोरोना माई आस्था का नया प्रतीक बन गयी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोरोना को देवी मानकर पूजा की जा रही है. लेकिन ये सभी बातें केवल समाज में फैली अज्ञानता और जानकारी की कमी को दर्शाता है। इसके अलावा कैसे तांत्रिकों के रूप में ठग भोली भाली जनता को लूट रहे हैं, ये भी मालूम पड़ता है।
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