झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार
केंद्रीय सत्ता पर मज़बूती से क़ाबिज़ भारतीय जनता पार्टी की ज़मीन राज्यों में ज़मीन धीरे-धीरे दरक रही है. कई राज्य गंवाने के बाद बीजेपी अब झारखंड में बड़ी हार की तरफ बढ़ रही है. राज्य की तीन करोड़ की जनता पर मोदी-शाह की जोड़ी का जादू नहीं चला.
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों का आधिकारिक ऐलान होना बाक़ी है लेकिन तस्वीर साफ़ हो चुकी है. इस चुनाव में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी महागठबंधन ने बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया है. बीजेपी महज़ 25 सीटों पर सिमटती दिख रही है जबकि महागठबंधन ने 46 सीटों पर बढ़त बना रखी है. रूझानों पर यक़ीन करें तो राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ़ हो चुका है.
इन रुझानों पर मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि उन्होंने राज्य में विकास की गंगा पहुंचाने की कोशिश की लेकिन अब आए जनादेश का सम्मान करते हैं. मुख्यमंत्री रघुबरदास निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय से लगभग चुनाव हार चुके हैं। इसके अलावा कई मंत्री भी हार की कगार पर हैं। बीजेपी को सत्ता से बेदख़ल करने वाले महागठबंधन की अगुवाई झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कर रहे थे. महागठबंधन उन्हें पहले ही अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुका था और अब उनका मुख्यमंत्री बनना तय है. इस जीत पर हेमंत सोरेन ने कहा, ‘उनपर यक़ीन जताने के लिए लालू यादव, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सभी कांग्रेस नेताओं का शुक्रिया. राज्य में आज से एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. मैं सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी उम्मीदें टूटेंगी नहीं. भले ही वो किसी भी ज़ात, मज़हब या पेशे से जुड़े हों.’ हेमंत सोरेन ने इस जीत के लिए राज्य की जनता का भी आभार जताया. यह हार बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है. मार्च 2018 से दिसंबर 2019 के बीच चार राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से सत्ता हाथ से जा चुकी है और झारखंड भी अब लगभग हाथ से निकल चुका है. वीडियो देखिये 2014 में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सात राज्यों पर क़ाबिज़ थी और मोदी लहर में बारी-बारी कई राज्य बीजेपी के पाले में चले गए. 2018 में यूपी समेत 21 राज्यों में बीजेपी या एनडीए सत्ता में थी मगर अब राज्यों में बीजेपी सिमटती नज़र आ रही है.
इन रुझानों पर मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि उन्होंने राज्य में विकास की गंगा पहुंचाने की कोशिश की लेकिन अब आए जनादेश का सम्मान करते हैं. मुख्यमंत्री रघुबरदास निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय से लगभग चुनाव हार चुके हैं। इसके अलावा कई मंत्री भी हार की कगार पर हैं। बीजेपी को सत्ता से बेदख़ल करने वाले महागठबंधन की अगुवाई झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कर रहे थे. महागठबंधन उन्हें पहले ही अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुका था और अब उनका मुख्यमंत्री बनना तय है. इस जीत पर हेमंत सोरेन ने कहा, ‘उनपर यक़ीन जताने के लिए लालू यादव, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सभी कांग्रेस नेताओं का शुक्रिया. राज्य में आज से एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. मैं सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी उम्मीदें टूटेंगी नहीं. भले ही वो किसी भी ज़ात, मज़हब या पेशे से जुड़े हों.’ हेमंत सोरेन ने इस जीत के लिए राज्य की जनता का भी आभार जताया. यह हार बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है. मार्च 2018 से दिसंबर 2019 के बीच चार राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से सत्ता हाथ से जा चुकी है और झारखंड भी अब लगभग हाथ से निकल चुका है. वीडियो देखिये 2014 में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सात राज्यों पर क़ाबिज़ थी और मोदी लहर में बारी-बारी कई राज्य बीजेपी के पाले में चले गए. 2018 में यूपी समेत 21 राज्यों में बीजेपी या एनडीए सत्ता में थी मगर अब राज्यों में बीजेपी सिमटती नज़र आ रही है.
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