CAA: विदेशी मीडिया में भारत की अंतर्राष्ट्रीय साख को बट्टा
देश में विवादित नागरिकता कानून पर बढ़ते विरोध के बीच विदेशी मीडिया में भी इसकी पड़ताल बढ़ गई है. कई देशों के मीडिया ने धर्म के आधार पर नागरिकता देने वाले केंद्र सरकार के नए नागरिकता क़ानून पर चिंता जताई है.
विवादित नागरिकता क़ानून पर भारत के साथ-साथ विदेशी मीडिया में भी सरगर्मी दिख रही है. विदेशी मीडिया संस्थानों में हो रही रिपोर्टिंग भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर धक्का पहुंच रहा है।
बात की जाये अमेरिकन मीडिया की तो, न्यूयोर्क टाइम्स ने एक आर्टिकल में नागरिकता कानून को बांटने वाला कानून बताते हुए लिखा है की देशभर में इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों से नरेंद्र मोदी का अपने ही दबदबे वाले इलाको में समर्थन घटा है और कैसे नरेंद्र मोदी अब बैकफुट पर है। इंग्लैंड जहा बड़ी तादाद में भारतीय बस्ते है, वह की मशहूर अख़बार टेलीग्राफ ने लिखा है की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हिंदूवादी सरकार के नए नागरिकता कानून का बचाव किया है जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे है। उधर, दुबई के गल्फ न्यूज़, जो की मध्यपूर्व का बड़ा मीडिया संस्थान है, ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदशणकारिओ से 'बदला' लेने वाले बयान को मुसलमानो पर युद्ध जैसा बताया है। उसने लेख में लिखा 'उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नागरिकता क़ानून का विरोध करने वाले लोगों से 'बदला लेने' वाले बयान के बाद पुलिस और प्रशासन ने मुसलमानों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया है।' वीडियो देखिये इसके अलावा न्यूज़ीलैंड की अख़बार ओटागो डेली टाइम्स ने नागरिकता क़ानून को ख़तरनाक और अक्रामक बताया है। अख़बार ने अपने लेख में कहा है की भारत का नया नागरिकता क़ानून खतरनाक है क्योंकि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को प्रोत्साहित करता है। साथ ही लेख में बताया गया है कैसे ये कानून भारत जैसे एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की संवैधानिक प्रतिबद्धता को कम करता है। साउथ अफ्रीका के अख़बार 'सिटीजन' ने जोहानसबर्ग में भारतीय दूतावास के बाहर हुए नागरिकता विरोध प्रदर्शन को कवर किया और नए कानून को मुसलमान विरोधी तक बताया।
बात की जाये अमेरिकन मीडिया की तो, न्यूयोर्क टाइम्स ने एक आर्टिकल में नागरिकता कानून को बांटने वाला कानून बताते हुए लिखा है की देशभर में इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों से नरेंद्र मोदी का अपने ही दबदबे वाले इलाको में समर्थन घटा है और कैसे नरेंद्र मोदी अब बैकफुट पर है। इंग्लैंड जहा बड़ी तादाद में भारतीय बस्ते है, वह की मशहूर अख़बार टेलीग्राफ ने लिखा है की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हिंदूवादी सरकार के नए नागरिकता कानून का बचाव किया है जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे है। उधर, दुबई के गल्फ न्यूज़, जो की मध्यपूर्व का बड़ा मीडिया संस्थान है, ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदशणकारिओ से 'बदला' लेने वाले बयान को मुसलमानो पर युद्ध जैसा बताया है। उसने लेख में लिखा 'उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नागरिकता क़ानून का विरोध करने वाले लोगों से 'बदला लेने' वाले बयान के बाद पुलिस और प्रशासन ने मुसलमानों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया है।' वीडियो देखिये इसके अलावा न्यूज़ीलैंड की अख़बार ओटागो डेली टाइम्स ने नागरिकता क़ानून को ख़तरनाक और अक्रामक बताया है। अख़बार ने अपने लेख में कहा है की भारत का नया नागरिकता क़ानून खतरनाक है क्योंकि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को प्रोत्साहित करता है। साथ ही लेख में बताया गया है कैसे ये कानून भारत जैसे एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की संवैधानिक प्रतिबद्धता को कम करता है। साउथ अफ्रीका के अख़बार 'सिटीजन' ने जोहानसबर्ग में भारतीय दूतावास के बाहर हुए नागरिकता विरोध प्रदर्शन को कवर किया और नए कानून को मुसलमान विरोधी तक बताया।
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