CAA Violence: यूपी सरकार ने 500 लोगों को भेजा भरपाई का नोटिस
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा में हुए नुकसान को लेकर लगभग 500 लोगों का नाम सामने आया है। राज्य सरकार का दावा है की चिन्हित लोग हिंसा में शामिल थे और सरकारी सम्पति को नुकसान पंहुचा रहे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई की कार्रवाई शुरू कर दी है। 21 दिसंबर को यूपी में हुई हिंसा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था क़ी सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान करके उनसे नुकसान की भरपाई की जाएगी। उनके आदेश का पालन करते हुए अब पुलिस ने लोगों की शिनाख्त शुरू कर दी है।
गुरुवार को यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जारी एक पत्र में इसी मामले में 498 लोगों को चिन्हित किया गया है। इनमे लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फिरोज़ाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुज़फ्फरनगर में 73, मऊ में 8 और बुलंदशहर में 19 लोगों को चिन्हित किया गया है। प्रशाशन का कहना है की इन लोगों ने पब्लिक प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाया और विरोध-प्रदर्शन में हुए नुकसान की भरपाई अब इन लोगों से की जाएगी। पुलिस का दावा है की सभी लोगों के पहचान सीसीटीवी फूटेज़ की मदद से की गई है। अब पुलिस इन लोगों को नोटिस भिजवा रही है । आपको बता दें, नागरिकता क़ानून को लेकर सबसे ज्यादा उग्र विरोध-प्रदर्शन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हुए। जहां नागरिकता क़ानून के विरोध में विभिन्न राज्यों में सड़क पर उतरे लोगों में से 25 की जान गई, वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा 19 का है। जहां यूपी सरकार लोगों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेज रही है, वहीं सोशल मीडिया पर राज्य के कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें पुलिस कथित तौर पर ख़ुद सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से तोड़-फोड़ कर रही है। मुज़फ्फरनगर के कुछ लोगों ने तो पुलिस पर घरों में घुसकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। शुक्रवार को यूपी के 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के हर संवेदनशील जगहों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
गुरुवार को यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जारी एक पत्र में इसी मामले में 498 लोगों को चिन्हित किया गया है। इनमे लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फिरोज़ाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुज़फ्फरनगर में 73, मऊ में 8 और बुलंदशहर में 19 लोगों को चिन्हित किया गया है। प्रशाशन का कहना है की इन लोगों ने पब्लिक प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाया और विरोध-प्रदर्शन में हुए नुकसान की भरपाई अब इन लोगों से की जाएगी। पुलिस का दावा है की सभी लोगों के पहचान सीसीटीवी फूटेज़ की मदद से की गई है। अब पुलिस इन लोगों को नोटिस भिजवा रही है । आपको बता दें, नागरिकता क़ानून को लेकर सबसे ज्यादा उग्र विरोध-प्रदर्शन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हुए। जहां नागरिकता क़ानून के विरोध में विभिन्न राज्यों में सड़क पर उतरे लोगों में से 25 की जान गई, वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा 19 का है। जहां यूपी सरकार लोगों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेज रही है, वहीं सोशल मीडिया पर राज्य के कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें पुलिस कथित तौर पर ख़ुद सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से तोड़-फोड़ कर रही है। मुज़फ्फरनगर के कुछ लोगों ने तो पुलिस पर घरों में घुसकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। शुक्रवार को यूपी के 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य के हर संवेदनशील जगहों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
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