क्या सरकारी नियमों में फेरबदल से चीन को आर्थिक चोट पहुंचाई जा सकती है?

by Rahul Gautam 3 years ago Views 2394

Can China be hurt economically by a change in gove
लद्दाख सीमा विवाद से भारत चीन के बीच शुरु हुआ तनाव अब तक घटना शुरू नहीं हुआ है. अब केंद्र सरकार ने जनरल फाइनेंशियल नियम 2017 में एक ऐसा बदलाव कर दिया है जिसका असर सबसे ज़्यादा चीन पर पड़ेगा. केंद्र सरकार ने देश की सीमा साझा करने वाले देशों की ओर से सरकारी ख़रीद में बोली लगाने को प्रतिबंधित कर दिया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को भी निर्देश जारी कर दिया है कि वो अपनी सभी सरकारी ख़रीद में इस नियम को लागू कर दें.

हालांकि आंकड़े बताते है कि चीन दूसरे देश के मुकाबले अभी भी भारत में बेहद कम निवेश करता है और आज भी पैसा लगाने के लिए चीनी कारोबारी हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों को ज्यादा तरजीह देते हैं. स्टैटिस्टा वेबसाइट के मुताबिक साल 2018 में चीन ने कुल 143 बिलियन डॉलर का पूरी दुनिया में निवेश किया था. इसमें सबसे ज्यादा निवेश हांगकांग में किया गया जहां चीनी कंपनियों ने 86.87 बिलियन डॉलर का निवेश किया. साल 2018 में ही चीनी कारोबारियों ने अमेरिका में पैसा लगाया जहां उन्होंने 7.48 बिलियन डॉलर निवेश किया. फिर नंबर आता है वर्जिन आइलैंड का जहा चीनी कारोबारियों ने 7.15 बिलियन डॉलर फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के तौर पर भेजा. बता दें कि वर्जिन आइलैंड को दुनिया में एक टैक्स हैवन के तौर पर जाना जाता है यानि वो मुल्क जहां काला धन छुपाया जाता है. इनके बाद नंबर आता है सिंगापुर का जहां चीनी कंपनियों ने 6.41 बिलियन डॉलर का निवेश किया।


इनके बाद नंबर आता है सिंगापुर का जहां चीनी कंपनियों ने 6.41 बिलियन डॉलर का निवेश किया।यूएस ब्यूरो ऑफ़ इकॉनमिक एनालिसिस की रिपोर्ट कहती है कि साल 2018 में चीन ने भारत में केवल 3.8 बिलियन डॉलर का निवेश किया जबकि उसी साल अमेरिका ने भारत में 46 बिलियन डॉलर का निवेश किया.

इस आंकड़े से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पिछले कुछ सालों से चीनी पैसा तेज़ी से भारतीय बाजार में आने लगा था लेकिन तब भी दूसरे देशों के मुकाबले बेहद कम था. लद्दाख सीमा विवाद से उपजे तनाव के चलते यह रफ़्तार भी सुस्त पड़ गई है.

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